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नोएडा में दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख शहरों में से एक नोएडा की ट्रैफिक व्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने की तैयारी चल रही है. इसके तहत शहर के 84 चौराहों पर 1065 CCTV कैमरे लगाए जाएंगे. साथ ही इन चौराहों को इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से भी लैस किया जाएगा. इस पर 88 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च करने की योजना है.
नोएडा की ट्रैफिक व्यवस्था को 8 अत्याधुनिक खूबियों से लैस करने की तैयारी है. इसके तहत एडेप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लगाया जाएगा. इसे शहर के व्यस्ततम 40 चौराहों पर इंस्टॉल किया जाएगा, ताकि यातायात को सुचारू रखा जा सके. इस व्यवस्था के तहत वाहनों की तादाद के हिसाब से ट्रैफिक लाइट्स बदलती रहेंगी. इसके अलावा स्पीड डिटेक्शन सिस्टम भी लगाया जाएगा, ताकि ओवरस्पीडिंग को रोका जा सके. अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं ज्यादा तेज वाहन चलाने से ही होते हैं. नोएडा प्रशासन ने वैरिएबल मैसेज साइनबोर्ड लगाने की भी तैयारी कर रहा है. इसे 22 जगहों पर लगाए जाएगा ।. यह बोर्ड सामान्य जानकारी देने के साथ ही दिशा बताने का भी काम करेंगे. साथ ही एएनपीआर कैमरा, आरएलवीडी कैमरा, सर्विलांस कैमरा, पब्लिक एड्रेस सिस्टम और कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम भी लगाए जाएंगे.
नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु माहेश्वरी ने बताया कि ट्रैफिक सिस्टम को अत्याधुनिक करने के प्रोजेक्ट के तहत नोएडा प्राधिकरण शहर के 84 चौराहों पर आईटीएमएस लागू कर रहा है. इन चौराहों पर 1065 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. प्रोजेक्ट के लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है. कंपनी केवल 64.49 करोड रुपए में यह काम करेगी. यह ठेका एफकॉन इंडिया लिमिटेड को दिया गया है. उन्होंने बताया कि कंपनी स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत देश के कई शहरों में इस तरह का ट्रैफिक सिस्टम विकसित कर रही है.
इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की परिकल्पना वर्ष 2008 में की गई थी. तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी सरदार मोहिंदर सिंह ने यह परियोजना पेश की थी. इसके लिए बाकायदा प्राधिकरण के बोर्ड में प्रस्ताव भी पास करवा लिया गया था, लेकिन पिछले 12 वर्षों से यह प्रोजेक्ट फाइलों में ही इधर से उधर घूम रहा था. अब इस परियोजना पर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी ने तेजी से प्रयास किए. जिसके परिणाम स्वरूप 12 साल बाद इस प्रोजेक्ट का टेंडर निकाला जा सका है.
बड़ी बात यह है कि शहर में सुरक्षा व्यवस्था और ट्रैफिक सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए बेहद जरूरी सिस्टम है. लेकिन पिछले 12 वर्षों के दौरान प्राधिकरण में तैनात रहे अफसरों की प्राथमिकता में यह परियोजना नहीं रही. जिसकी वजह से शहर के लोगों को लगातार परेशानियों का सामना करना पडा़। अब उम्मीद है कि अगले 9 महीने में यह सिस्टम काम करना शुरू कर देगा. जिससे शहर की पुलिसिंग और ट्रैफिक मैनेजमेंट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो जाएंगे.
पत्रकार अंगद मौर्या
द अचीवर टाइम्स लखनऊ