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राजधानी लखनऊ के सभी अस्पताल फुल, मरीजों को करना पड़ रहा समस्याओं का सामना

लखनऊ के सभी अस्पतालों की आईसीएयू फुल हो गई हैं। गंभीर मरीजों के लिए सभी अस्पतालों को मिलाकर सिर्फ 851 बेड हैं। इसमें आईसीयू व वेंटिलेटर की संख्या 282 है और हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) 569 हैं। मरीजों की संख्या इससे दोगुनी है। दो दिन से विभिन्न अस्पतालों में भर्ती मरीज आईसीयू में बेड खाली होने का इंतजार कर रहे हैं। किसी को 10 तो किसी को 15 घंटे बाद भी आईसीयू में जगह नहीं मिल पा रही है। इसके चलते मौत का ग्राफ भी लगातार बढ़ रहा है।

बेड बढ़ाने के दावे नहीं हुए पूरे 
सबसे ज्यादा आफत पहले से बीमार मरीजों की है। इसमें 60 पार वालों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। सूत्रों का कहना है कि शनिवार सुबह आठ बजे के बाद से हालत बेहद खराब हो गए हैं। लेवल वन से थ्री तक के अस्पतालों को मिलाकर 569 एचडीयू और 282 आईसीयू वेंटिलेटर का इंतजाम किया गया है, लेकिन मरीजों की संख्या के सामने ये बेड कम हैं।

शनिवार दोपहर से रविवार शाम तक अस्पतालों में वेंटिलेटर खाली नहीं हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि लेवल वन में भर्ती 20 से अधिक मरीज कंट्रोल रूम में फोन कर रहे हैं। इन्हें आईसीयू की जरूरत है, लेकिन अस्पतालों में बेड फुल हैं। दरअसल जिन मरीजों को कई तरह की बीमारियां होती हैं और ऑक्सीजन लेवल गिर रहा होता है उन्हें एचडीयू में रखा जाता है। रिकवरी बढ़ने पर सामान्य वार्ड में शिफ्ट करते हैं। यदि हालात ज्यादा खराब हुए तो आईसीयू में शिफ्ट करते हैं।

लोहिया संस्थान के शहीद पथ किनारे स्थित मातृ शिशु रेफरल हॉस्पिटल को 200 बेड का कोविड हॉस्पिटल बनाने का ऐलान मार्च में किया गया, लेकिन अभी तक यहां सिर्फ 133 बेड हैं। इसमें सामान्य बेड 83, एचडीयू 30 और आईसीयू- वेंटिलेटर के 20 बेड हैं। इसी तरह केजीएमयू में लिंब सेंटर को कोविड हॉस्पिटल बनाने का दावा किया गया, लेकिन इसे शुरू होने में तीन माह का समय निकल गया।

एचडीयू व आईसीयू के लिए मारामारी
लेवल थ्री के मरीज ज्यादा है। लेकिन लेवल थ्री के अस्पतालों में 170 एचडीयू और 178 आईसीयू वाले बेड हैं। यदि चार प्राइवेट अस्पतालों को मिला दें तो एचडीयू की संख्या 245 और आईसीयू बेड की संख्या 206 हो जाती है। लेवल थ्री के अस्पतालों में सामान्य बेड 673 हैं। इसी तरह लेवल टू के अस्पताल में सरकारी में 166 एचडीयू व 44 आईसीयू बेड हैं। प्राइवेट को मिलाकर एचडीयू की संख्या 204 और आईसीयू की 40 हो जाती है। इसमें सामान्य बेड की संख्या 1385 हैं। इस तरह लेवल वन में रेलवे अस्पताल में एचडीयू बेड 13 हैं। अन्य प्राइवेट अस्पतालों में 55 बेड हैं।

क्या कहते हैं जिम्मेदार
बाहरी जिलों के भी गंभीर मरीज आ रहे हैं। दो दिन से संख्या बढ़ी है। सभी को अस्पताल में भर्ती करने का प्रयास किया जा रहा है। आईसीयू व एचडीयू वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है। जहां भी बेड खाली होते हैं, मरीज को समायोजित किया जा रहा है। -डॉ. एमके सिंह, कार्यवाहक सीएमओ

दो दिन से आईसीयू व एचडीयू खाली नहीं हो पा रहा है। सभी बेड भरे हैं। सुधार होने पर मरीजों को सामान्य बेड पर करके अन्य गंभीर मरीज को लिया जा रहा है। यहां पहले से भर्ती मरीज भी ज्यादा गंभीर हैं। नए मरीजों को लेने में समस्या हो रही है। -डॉ. सुधीर सिंह, मीडिया प्रभारी केजीएमयू

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