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अयोध्या में देशभर से आ रही मिट्टी और जल भरे कलश

गंगा बड़ी गोदावरी, तीरथ बड़ा प्रयाग।सबसे बड़ी अयोध्या नगरी, जहां राम लीन्ह अवतार।।.. यह धार्मिक-पौराणिक मान्यता अब श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के भूमिपूजन अवसर पर सजीव होने जा रही है।

देशभर से अबतक दर्जनभर प्रदेशों से करीब 10 हजार मिट्टी और जलभरे कलश पहुंच चुके हैं, जबकि हजारों रास्ते में हैं। उधर, सरकार ने अयोध्या को प्रयागराज महाकुंभ की तरह भव्यता देने के लिए प्रमुख सचिवों की टीम उतारी दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से दो दिन पहले ही अयोध्या में जमीन से लेकर हवा और पानी में भी धर्म-संस्कृति और राममंदिर आंदोलन से जुड़े मनमोहक नजारे सजाने की तैयारी तेज हो गई है। दुनिया ने इसबार योगी सरकार के प्रयागराज कुंभ की दिव्यता और भव्यता का लोहा माना था। ऐसा ही दृष्य अब एक सप्ताह के भीतर उतारने की चुनौती है।

सरकार ने कोरोना से लड़ रही अपनी टीम एलेवन के कई अधिकारियों को भी इस नए दायित्व की सफलता में उतार दिया है। यहां इट-साउंड-कैमरा से लेकर सड़कों, गलियों, घाटों, चौराहों, मठ-मंदिरों पर भारी संख्या में रामायणकालीन चित्रकारी के उत्कृष्ट नमूने तैयार हो रहे हैं। नगर की मुख्य सड़क के दोनों तरफ भवनों-प्रतिष्ठानों को पीताबंरी रंग में रंगने का काम भी शुरू हो गया है।

बस, कोरोना की जंजीर न होती तो करोड़ों रामभक्तों का उल्सास महाकुंभ की तस्वीरों को पीछे छोड़ता नजर आता। हौसला बढ़ाने के लिए तैयारी पर नजर रख रहे सीएम योगी आदित्यनाथ भी ट्वीट करते हैं कि कहि न जाइ कछु नगर बिभूती..। कोरोना के बावजूद पीएम के आगवानी में धार्मिक आयोजन इस बार बहुत कुछ खास होगा।

तीन हजार साउंस सिस्टम लगाए जाएंगे
साउंड सिस्टम की एक कंपनी के डायरेक्टर प्रवीण मालवीय यहां कमान संभाल चुके हैं, जबकि चित्रकारी और रंगाई-पुताई नगर निगम के माध्यम से कुंभ के तर्ज पर चल रही है। मालवीय कहते हैं कि अयोध्या व उसके आसपास के क्षेत्र में तीन हजार साउंड लगाए जाएंगे, जिसके जरिए भजन गूंजेगे, साथ ही लाइव भूमिपूजन व प्रधानमंत्री का संबोधन।

ऑटोमेटिक सिस्टम के तहत किसी भी समय यहां के उच्चाधिकारी किसी भी स्थान से ऑपरेट कर लोगों से अपील करने का कार्य भी कर सकेंगे। 3 4 व 5 को दीपोत्सव जैसा माहौल बने, इसके लिए प्रभु राम के धुनों को 24 घंटा प्रसारित किया जाएगा। कोरोना के कारण बड़ी स्क्रीन लगाने के बजाय पूरे आयोजन को साउंड सिस्टम के माध्यम से प्रसारण की व्यवस्था की गई है।

25 हजार करोड़ की परियोजनाओं का ब्लूप्रिंट तैयार
– विश्व की सबसे बड़ी 251 मीटर ऊंची श्रीराम की प्रतिमा
– 600 एकड़ में हाइटेक नव्य अयोध्या टाउनशिप
– श्रीरामचंद्र इंटरनेशनल एयरपोर्ट
– अयोध्या से कोलकाता तक क्रूज
-अयोध्या के चारों तरफ रिंग रोड
-राममंदिर लुक में अयोध्या समेत आसपास रेलवे स्टेशनों का विस्तार
-84 कोसी परिक्रमा मार्ग का फोरलेन निर्माण
– अयोध्या के जर्जर पड़े पौराणिक भवनों का निर्माण
– 600 करोड़ से जगमगाएगा शहर

भारत के कोने-कोने से आए हजारों जल व मिट्टी के कलश
-श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता कहते हैं कि श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के भूमि पूजन के लिए लाखों भक्तों की श्रद्घा उमड़ रही है। यूपी समेत, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्यप्रदेश,दिल्ली, हरयिणा, पंजाब आदि इलाकों के हजारों प्रसिद्घ मंदिरों, दिव्य स्थलों, सरोवरों, नदियों आदि की मिट्टी व जल कलश ट्रस्ट कार्यालय में जमा हो रहे हैं।

अभी तक सबसे अधिक झारखंड से ढ़ाई हजार जल एवं मिट्टी के कलश पहुंचे हैं। जबकि चित्तौड़, मेवाड़, नैमिषारण्य, सीतापुर, छत्तीसगढ़, प्रयागराज, काशी, मथुरा आदि स्थानों से भी हजारों कलश जमा हुए हैं। पांच अगस्त से पहले यह तादात लाखों में हो जाएगी। सभी की आस्था का सम्मान होगा और सामग्री भूमि पूजन के साथ-साथ नींव में  डाली जाएगी।

भरतकूप के जल का कलश राममंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष को सौंपा
अयोध्या में बनने वाले भगवान राम के मंदिर की नींव में इस्तेमाल करने के लिए देश के प्रमुख तीर्थ और मंदिरों की मिट्टी और नदियों के जल पहुंचाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को चित्रकूट के भरतकूप से पवित्र जल का कलश श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास को सौंपा गया। चित्रकूटाधिपति मत्तगजेंद्रनाथ मंदिर के व्यवस्थापक प्रदीप तिवारी ने महंत नृत्यगोपालदास को कलश सौंपा। उनसे अनुरोध किया गया है कि राममंदिर पूजन में इस जल का भी प्रयोग किया जाए।

प्रदीप तिवारी ने बताया कि राजाधिराज मत्तगजेन्द्रनाथजी से आज्ञा लेकर प्रभु श्रीराम ने वनवासकाल का साढ़े 12 साल से अधिक का समय चित्रकूट में बिताया था। आज भी तपोभूमि का कण-कण प्रभु श्रीराम की कृपा से अभिसिंचित है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 अगस्त को किया जाना है।

भूमि पूजन में भरतकूप के जल का प्रयोग किया जाए, इसके लिए यहां से कलश में जल ले जाकर अयोध्या में महंत नृत्य गोपाल दास को सौंप दिया गया है। महंत ने कलश को प्रणाम किया और आश्वासन दिया कि पूजन में भरतकूप के जल का प्रयोग अवश्य किया जाएगा। इस मौके पर गोवर्धन मंदिर के महंत मनमोहन दास जी महाराज भी मौजूद रहे।

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