कोरोना वायरस के कारण बंद मंदिरों के कपाट आठ जून से शर्तों के साथ खोल दिए जाएंगे। सिद्घपीठ हनुमानगढ़ी, कनकभवन, रामलला, नागेश्वरनाथ, छोटी देवकाली सहित अन्य मंदिरों को खोले जाने की तैयारी मंदिरों के व्यवस्थापकों ने शुरू कर दी है।
मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क व सैनिटाइजेशन के बाद ही भक्तों को प्रवेश मिल सकेगा। भक्त केवल गर्भगृह के दर्शन कर पाएंगे स्पर्श करने की अनुमति नहीं होगी। बिना मास्क लगाए किसी को भी मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एक बार में केवल पांच श्रद्धालुओं को ही प्रवेश दिया जाएगा। मंदिर परिसर में दो-दो मीटर पर गोले बनाए जा रहे हैं, जिसमें श्रद्धालु खड़े होंगे।
हैंड और बॉडी सैनिटाइजेशन के बाद ही मंदिर में भक्तों को प्रवेश मिलेगा। हाथ धोने के लिए मंदिरों में सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाएगी। मंदिर परिसर में हर घंटे पोछा लगेगा। तीनों पहर सुबह, दोपहर व शाम साफ-सफाई व धुलाई की जाएगी, सैनिटाइज किया जाएगा।
रामजन्मभूमि में रामलला के दर्शन के दौरान भी शासन की गाइडलाइन का अनुपालन किया जाएगा। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी मंदिरों के व्यवस्थापकों के साथ बैठक कर नियम व शर्तों के अनुसार ही मंदिर खोलने की अपील की।
हनुमानगढ़ी में एडीएम सिटी वैभव शर्मा, एसपी सिटी विजयपाल सिंह, सीओ अयोध्या अमर सिंह ने संत-महंतों एवं व्यवस्थापकों के साथ बैठक कर नियमों के अनुपालन कराने की अपील की।
कोरोना के कारण हनुमानगढ़ी, कनक भवन सहित अन्य मंदिरों में लॉकडाउन के दौरान दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। अब आठ जून नए नियम व शर्तों के साथ मंदिरों को खोलने की तैयारी है।
चरणामृत नहीं ले सकेंगे श्रद्घालु
सिद्घपीठ हनुमानगढ़ी के पुजारी राजूदास ने बताया कि गर्भगृह से दो मीटर की दूरी से ही भक्त हनुमान जी महाराज के दर्शन कर पाएंगे। मुख्य गेट पर ही श्रद्धालुओं को सैनिटाइज किया जाएगा।
एक बार में केवल पांच भक्त ही मंदिर में दर्शन कर पाएंगे। बिना मास्क के दर्शन की अनुमति नहीं होगी। हर चार-चार घंटे पर मंदिर परिसर की सफाई की जाएगी। चंदन, चरणामृत भी भक्तों को नहीं दिया जाएगा।
सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कनकभवन में होगा दर्शन
कनकभवन मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही भक्त कनक बिहारी सरकार के दर्शन व पूजन कर पाएंगे। मंदिर में कम से कम तीन मीटर दूरी से ही भक्तों को दर्शन सुलभ हो पाएगा। मंदिर के व्यवस्थापक अजय छाछरिया ने बताया कि परिसर में इसके लिए गोले बनाए जा रहे हैं। इसी के अनुसार दर्शन की व्यवस्था होगी। एक बार में पांच लोग ही दर्शन कर सकेंगे।