उत्तर प्रदेश: प्रदेश अध्यक्ष कुमार लल्लू के ताजपोशी के बाद पार्टी के अंदर अंदरूनी सियासत भी दिख रही है। कुछ दागी नेता अंदरखाने में ही पार्टी के खिलाफ बागी हो रहे हैं । आजकल उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में दागी और बागी हुए नेता पार्टी को नुकसान पहुंचाने पर आमादा हैं तो वहीं कांग्रेस नेतृत्व भी बगावती तेवर वाले नेताओं की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ साथ पार्टी से बाहर करने को तैयार दिख रही है।
बता दें कि प्रदेश की नई कमेटी बनने के बाद सबसे पहले सिराज मेंहदी पूर्व विधायक/ एमएलसी जो कांग्रेस के विधायक रहे ने अपने पद से स्तीफा दिया। सिराज मेहंदी को कांग्रेस ने लंबे समय तक तमाम उच्च पदों पर बैठाकर रखा। ये वही सिराज मेहंदी जिनका रिश्ता बहुजन समाज पार्टी से भी रहा है,अब इन के सुर बदले बदले से हैं।
कांग्रेस के पूर्व विधायक विनोद चौधरी ने भी प्रदेश कमेटी की घोषणा के बाद अनुशासन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। श्री चौधरी ने अपना इस्तीफा पार्टी मुखिया को दिया। अपने लिखे इस्तीफे में विनोद चौधरी ने इस बात का हवाला दिया था की नवगठित उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में शामिल किसी भी चेहरे को मैं नहीं पहचानता ऐसे में इन नए चेहरों के साथ काम करना मेरे लिए कठिन है।
वहीँ पूर्व एमएलसी फजले मसूद भी लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े हैं साथ ही उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अनुशासन समिति के सदस्य भी रहे,उनकी चुप्पी भी संशय में है। हालांकि फजले मसूद भी एक समय में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एनसीपी के लखनऊ अध्यक्ष भी रहे सूत्रों की माने तो बागी नेताओं की फेहरिस्त में जो भी लोग हैं उनके खिलाफ पार्टी सख्त है! ऐसे में बागी भी असमंजस में मुखर नही हो पा रहे।
सूत्रों की माने तो चिन्हित लोगों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई तय है। पूर्व विधायक विनोद चौधरी ने तो एक समय मे कांग्रेस से एमएलसी का टिकट पाते ही एक बारगी तत्काल पाला बदलकर समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर लिया था। सूत्रों के हवाले से खबर है कि आने वाले एक-दो दिन में यह नेता पार्टी के विरोध में जाकर गुप्त बैठक करने वाले हैं। बहरहाल यह बात साफ है कांग्रेस संगठन के मौजूदा उत्साही माहौल में पार्टी किसी भी अनुशासनहीनता को बर्दाश्त करने वाली नही है।। बागी तेवर दिखाने वाले दागी नेता होंगे पार्टी से बाहर।। एक बात साफ है उप्र कांग्रेस में दागियों के लिए कोई जगह नही है,इसके संकेत पिछले कई कार्रवाईयों से जान पड़ते हैं। अनुशासनहीनता की वजह से कई बड़े नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया। ऐसे में उन दागी चेहरों पर पार्टी की विशेष नजर है जो भविष्य में बागी हो सकते हैं।