सुषमा स्वराज अपनी बेबाकी, जिंदादिली और उनसे जुड़े किस्से लोगों के जेहन में हमेशा ताजा रहेंगे। वह सादगी और आम विचारधारा की धनी थीं, पढ़ें कुछ दिलचस्प वाकयात…
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन से देश के साथ रेवाड़ी में भी शोक की लहर है। उनके मिलनसार स्वभाव को याद कर उनके साथ कम कर चुके लोग भावुक हो जाते हैं। 20 फरवरी 2004 को केंद्र में मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज रेवाड़ी आई थीं। शहर के राव तुलाराम पार्क में आयोजित जनसभा के दौरान उनके साथ दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा, उस समय के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष व हाल में राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल, केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा, पूर्व सांसद सुधा यादव सहित प्रदेश के अन्य नेता मौजूद थे।
रेवाड़ी में कार्यक्रम था संगठन विस्तार का। उस दिन हाल में रेवाड़ी विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास व लक्ष्मण यादव को सुषमा स्वराज ने भाजपा का पटका पहनाकर पार्टी ज्वाइन कराई थी। भाजपा ज्वाइन करने के बाद मंच से अपने संबोधन में विधायक कापड़ीवास ने कहा था कि बहनजी हरियाणा में यदि आपको सीएम प्रोजेक्ट किया जाए तो सरकार बन सकती है। कापड़ीवास भावुक होकर कहते हैं कि इसके जवाब में सुषमा स्वराज ने कहा था कि बेटी पीहर की बजाय ससुराल में ही अच्छी लगती है।
यही कारण है कि राजनीति के शुरुआती दौर को छोड़ दिया जाए तो सुषमा की राजनीति हरियाणा की बजाय दिल्ली व राष्ट्रीय स्तर पर रही हैं। हालांकि चुनाव के दौरान वह जरूर हरियाणा में आती-जाती रही हैं। 2004 से पहले भी सुषमा स्वराज प्रदेश में मंत्री रहते हुए मॉडल टाउन स्थित हिंदू स्कूल के वार्षिक उत्सव में शिरकत करने आईं थीं।