जलवायु परिवर्तन के कारण कई प्रजातियों के पशु-पक्षियों के शरीर का आकार कम हो रहा है। शोधकर्ताओं ने 23 साल के अध्ययन में यह दावा किया है। यह अध्ययन 1976 से लेकर 1999 तक किया गया था। .
पक्षियों के वजन पर किया अध्ययन
यूनिवर्सिटी ऑफ केपटाउन के शोधकर्ताओं ने पहाड़ी वैगटेल्स के वजन में आई कमी का अध्ययन किया। यह एक प्रकार का पक्षी है जो दक्षिण अफ्रीका के वेस्टविले के पालमेइड नदी के पास रहता है। जलवायु परिवर्तन का पृथ्वी और विभिन्न पारिस्थितिकी तंत्रों पर काफी प्रभाव पड़ रहा है और पिछले 100 सालों में पृथ्वी का वैश्विक तापमान एक डिग्री से ज्यादा बढ़ गया है।
पूर्व के दशकों में जलवायु परिवर्तन के दौरान मिले जीवाश्मों के रिकॉर्ड से यह स्पष्ट होता है कि दोनों ही समुद्री और जमीन पर रहने वाले जानवरों का आकार घट गया है और वह छोटे हो गए हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर पृथ्वी का तापमान यूं ही बढ़ता रहा तो आने वाले समय में जानवरों का आकार और भी छोटा हो जाएगा।यूनिवर्सिटी ऑफ केपटाउन के शोधकर्ता रेस अल्टवेग ने कहा, बड़े जानवर ठंडे तापमानों में ज्यादा आसानी से रहते हैं। इससे पता चलता है कि गर्म होता तापमान छोटे जानवरों के लिए ज्यादा फायदेमंद है। कई और कारक भी शरीर के आकार को प्रभावित करते हैं, इसलिए हम तापमान की वृद्धि और शरीर के आकर में कोई संबंध नहीं खोज पा रहे थे। लेकिन, इस शोध से स्पष्ट है कि तापमान में बढ़ोतरी के कारण पक्षियों के आकार में दिन-ब-दिन कमी आ रही है। शोधकर्ताओं ने कहा, शरीर का आकार जानवर की प्रजनन क्षमता, जीवनकाल और तनाव को झेलने की क्षमता का एक महत्वपूर्ण कारक है।
जलवायु परिवर्तन के कारण प्रभावित हो रहे पशु
पत्रिका ओइकोलॉजिया में प्रकाशित शोध में दिखाया गया है कि पालमेइट नदी के किनारे 0.18 डिग्री तक तापमान बढ़ने के कारण वैगटेल्स चिड़ियां हल्की होती गई। छोटे आकार वाले जानवर बड़े जानवरों की तुलना में गर्म तापमान में ज्यादा बेहतर तरीके से जी रहे हैं। इससे पता चलता है कि जैसे-जैसे पृथ्वी गर्म हो रही है पशु-पक्षियों का आकार भी घट रहा है।