लखनऊ. उत्तर प्रदेश में एम्बीशनविन कंपनी का दावा है कि भारत सरकार के साथ मिलकर यूपी में बड़े पैमाने पर एथेनॉल प्लांट की स्थापना की जाएगी। एथेनॉल प्लांट की स्थापना के बाद किसानों को काफी फायदा होगा। किसान फसल का उत्पादन कर जहां अपनी आय बढ़ाएंगे वहीं अपशिष्ट पदार्थों के माध्यम से किसान डीजल व पेट्रोल बनाने में इस प्लांट के माध्यम से महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। ऐसे में किसानों की आमदनी बढ़ेगी वहीं उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने से एथेनॉल प्लांट लगने से रोजगार का सृजन भी होगा।
एंबीशनविन बेवरेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा उत्तर प्रदेश में 750 केएलपीडी के एथेनॉल प्लांट लगाए जाएंगे यह प्लांट अनाज और गन्ने के रस से एथेनॉल का निर्माण करेंगे, साथ ही 60 मेगावाट को जनरेटर प्लांट की स्थापना भी की जाएगी। यह जनरेटर कोयला, चावल की भूसी, बायोगैस, प्राकृतिक गैस से संचालित होंगे। 7 *120 केएलपीडी 2G एथेनॉल प्लांट उत्तर प्रदेश में लगाया जाएगा। उत्तर प्रदेश में इस प्लांट के लगने के बाद लगभग 30000 से 45000 बेरोजगार युवकों को रोजगार मिल सकेगा। कंपनी द्वारा अयोध्या, वाराणसी, मिर्जापुर, लखनऊ, बस्ती, आजमगढ़, प्रयागराज मंडल में प्लांट की स्थापना की जाएगी। कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार यह कार्यक्रम भारत सरकार के एथेनॉल मिश्रित कार्यक्रम (t20) के साथ जुड़कर किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में स्थापित किए जा रहे थर्मल प्लांट में गन्ने के जूस चीनी के घोल, जव, मक्का और अन्य अनाज से एथेनॉल बनाया जाएगा। यह प्लांट मई 2022 तक बनकर तैयार हो जाएंगे। प्लांट की स्थापना के बाद जहां एक तरफ गन्ने की डिमांड बढ़ जाएगी वहीं दूसरी तरफ मंडल में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उत्तर प्रदेश में 6 लाख किसानों को फायदा होगा। प्लांट के लगने के बाद किसान गन्ने के निर्माण के साथ-साथ पेट्रोल व डीजल के निर्माण में भी भूमिका अदा करेंगे। द्वारा निर्मित एथेनॉल को अलग-अलग एजेंसी को भेजा जाएगा। जहां पर एथेनॉल को फिल्टर कर पेट्रोल व डीजल की तरह प्रयोग में लाया जाएगा |