लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस को अपना नया डीजीपी मिल गया है। डीजीपी पद की जिम्मेदारी 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी मुकुल गोयल को दी गई है। आज पदभार संभालते हुए मुकुल गोयल ने उत्तर प्रदेश पुलिसिंग को बेहतर करने के लिए अपना विजन साझा किया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुकुल गोयल ने जो बातें कहीं उसमें दो बातें बहुत महत्वपूर्ण हैं। पहली मुकुल गोयल ने पुलिसिंग में टेक्नोलॉजी के प्रयोग को शामिल करने पर बल देने की बात कही। दूसरी आम जनता व पुलिस के जुड़ाव को मजबूत करने पर बल दिया। इन दोनों बातों से साफ है कि मुकुल गोयल डीजीपी उत्तर प्रदेश के तौर पर आम जनता को बेहतर पुलिसिंग उपलब्ध कराने के लिए प्रयास करते हुए नजर आएंगे वही क्राइम कंट्रोल के लिए टेक्नॉलॉजी को शामिल करने के भी प्रयास किए जाएंगे।
मुकुल गोयल के अनुभव का मिलेगा फायदा
1987 बैच के आईपीएस अधिकारी मुकुल गोयल का लंबा अनुभव रहा है जहां मुकुल गोयल डीजीपी बनने से पहले बीएसएफ में एडिशनल डीजी ऑपरेशन के पद पर तैनात है वहीं गोयल के पास बीएसएफ, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एडीजी रेलवे व सीबीसीआईडी जैसे विभागों में काम करने का अच्छा अनुभव है इस अनुभव का फायदा उत्तर प्रदेश पुलिस को मिलेगा।
यूपी से गहरा नाता
मुकुल गोयल ने जहां केंद्रीय संस्थानों में लंबे समय तक अपनी सेवाएं दी हैं वहीं इनका यूपी से भी गहरा नाता रहा है। यूपी में वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर, मेरठ व सहारनपुर में गोयल ने कप्तान के तौर पर सेवाएं दी हैं इसके साथ ही आगरा, बरेली, कानपुर रेंज में डीआईजी के पद पर भी तैनात रहे हैं।
अखिलेश सरकार में रहे एडीजी लॉ एंड ऑर्डर
योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मुकुल गोयल को डीजीपी जैसे अति महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी दी है वहीं समाजवादी पार्टी सरकार भी मुकुल गोयल पर मेहरबान रही थी अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान मुकुल गोयल को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जैसे महत्वपूर्ण व प्रभावशाली पद पर तैनात किया था।