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भारतीय सेना में महिला अफसरों को स्थायी कमीशन देने संबंधी मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि 250 की सीलिंग को 2010 तक पार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि जिन आंकड़ों को रिकॉर्ड पर रखा गया है
भारतीय सेना और नौसेना में महिला अधिकारियों के लिए स्थाई आयोग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेना द्वारा अपनाए गए मानकों की कोई न्यायिक समीक्षा नहीं हो सकती है। इस मामले को लेकर महिला अधिकारियों की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सेना में एक करियार कई ट्रायल के साथ आता है। यह तब और मुश्किल हो जाता है जब समाज महिलाओं पर चाइल्टकेयर और घरेलू काम की जिम्मेदारी डालता है।
सुप्रीम कोर्ट आज भारतीय सेना की 17 महिला अधिकारियों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में आरोप लगाया गया था कि सेना ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद अभी तक महिला अधिकारियों को 50% तक स्थायी आयोग प्रदान नहीं किया है। सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर बीते साल सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सेना में कंबैट इलाकों को छोड़कर सभी इलाकों में महिलाओं को स्थाई कमान देने के लिए बाध्य है।
संवाददाता रिया मिश्रा
द अचीवर टाइम्स लखनऊ