शिक्षिका पत्नी पर फब्तियां कसने व अश्लील हरकतों से आजिज आकर एक शिक्षक ने जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी कर ली। भदोही जिले के निवासी शिक्षक ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि एक ही भवन में किराए पर रह रहे तीन सहायक शिक्षकों और एक शिक्षिका के पति रोज की हरकतों से वह तंग आ चुका है। जिससे अब वह जीना नहीं चाहता और 200 ग्राम सल्फास खाकर आत्महत्या कर रहा है।
जरवल ब्लाक के दूसरापारा प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक के पद पर तैनात जिला भदोही निवासी नीरज कुमार चौबे कैसरगंज कस्बे में स्थित जाफर मंजिल ब्लिडिंग में रूम नम्बर 4 में अपनी पत्नी व दो वर्षीय बेटी के साथ रहते थे। उनकी पत्नी आंकाक्षा मिश्रा भी जरवल ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय गौर में सहायक शिक्षिका के पद पर तैनात है। जाफर मंजिल में और भी तमाम किराएदार रह रहे हैं । जो शिक्षा विभाग से जुड़े है। मंगलवार को नीरज ने दूसरा पारा विद्यालय में ही जहर खा लिया। अपरान्ह लगभग 2:15 बजे नीरज की हालत बिगड़ी तो उसे आनन – फानन में कैसरगंज सीएचसी लाया गया। चिकित्सकों ने हालत गंभीर होने पर प्राथमिक इलाज के बाद पुलिस थाने को मेमो भेजकर लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल रेफर कर दिया।
थाने के दरोगा रंजीत भारती, एक सिपाही, एक महिला सिपाही साथ में भेजी गई। बुधवार भोर 5 बजे इलाज के दौरान नीरज की सांसे थम गईं। पीड़िता पत्नी आकांक्षा ने रंजीत भारती को सुसाइड नोट की कापी संग्लन कर खुदकुशी को उकसाने की तहरीर दी है। प्रभारी एसएचओ समर बहादुर सिंह ने बताया कि लखनऊ से पुलिस टीम के पहुंचते ही केस दर्ज कर लिया जायेगा।
प्रताड़ना का शिकार थे शिक्षक दम्पति
जाफर बिल्डिंग में ही रह रहे तीन सहायक शिक्षक व एक सहायक शिक्षिका का पति ही शिक्षक दम्पति नीरज चौबे की पत्नी से अश्लील हरकत करते व फब्तियां कसते थे। सुसाइड नोट के मुताबिक यह चारों चरित्रहीनता की हदें पार कर रहे थे। अश्लील फब्तियों से शिक्षक दम्पति का जीना मुहाल हो चुका था। आरोपी तीन शिक्षकों सहित चारों लोग गैर जनपद के निवासी हैं। हालांकि वह कमरा बदल कर इस समस्या से निजात पा सकते थे। सुसाइड नोट में नीरज चौबे ने अपनी पीड़ा व्यक्त की है कि वह कैसे इनकी अश्लील फब्तियों से परेशान होकर मानसिक पीड़ा में जी रहे थे। उन्होंने लिखा है कि इन लोगों ने हमारा मानसिक और सामाजिक शोषण, इतना शोषण, इतना शोषण 31 बार लिखा है। आगे लिखा है कि अब जीने की इच्छा ही समाप्त हो गई है। इसलिए मैं नीरज कुमार चौबे 20 पाउच अर्थात 200 सल्फास खाकर अपना जीवन समाप्त करता हूं। सुसाइड नोट के तथ्यों को सही माना जाए तो उन्होंने 200 ग्राम सल्फास खाने की बात लिखी है। जबकि जान लेने को एक गोली ही काफी होती है।
संवाददाता प्रकाश जोशी
द अचीवर टाइम्स लखनऊ