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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO, इसरो) एक के बाद एक लगातार नए कीर्तिमान हासिल कर इतिहास के पन्नों में नई उपलब्धियां दर्ज करा रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने 50 साल के इतिहास में पहली बार प्राइवेट कंपनियों के लिए अपने सैटेलाइट सेंटर खोल दिए हैं। आपको बता दें कि भारत ने जून 2020 में अपने सैटेलाइट सेंटर को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोलने की घोषणा की थी। इसी कड़ी में इसरो के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में भारत की दो स्टार्टअप कंपनी स्पेसकिड्ज इंडिया और पिक्सल की टेस्टिंग हुई।
इसके साथ ही इसरो ने गूगल मैप्स के साथ मुकाबला करने के लिए डिजिटल मैपिंग और स्थान-आधारित डीप-टेक कंपनी MapmyIndia के साथ शुक्रवार को पूरी तरह से स्वदेशी, मैपिंग पोर्टल और भू-स्थानिक सेवाओं की पेशकश के लिए एक नई पहल की घोषणा की. ये सेवाएं MapmyIndia के डिजिटल मैप्स की क्षमता और इसरो का सैटेलाइट इमेजरी कैटलॉग व अर्थ ऑब्जर्वेशन डेटा प्रौद्योगिकियों का संयोजन होंगी।
कंपनी ने कहा कि इसरो के साथ संयुक्त साझेदारी के माध्यम से MapmyIndia के यूजर्स मैप्स, एप्लिकेशन और सेवाएं विदेशी मैप ऐप्स और समाधानों की तुलना में बहुत बेहतर, अधिक बड़ी और फैली होंगी. साथ ही गोपनीयता-केंद्रित, अति स्थानीय और भारतीयों के लिए स्वदेशी मानचित्रण समाधान भी होंगी. MapmyIndia के सीईओ व कार्यकारी निदेशक रोमी वर्मा ने एक बयान में कहा कि इसरो के साथ यह साझेदारी नक्शों और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों के रणनीतिक क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की एक नई सुबह है।
वर्मा ने लिंक्ड इन पर एक लेख में कहा कि, “आपको अब गूगल मैप्स या गूगल अर्थ की जरूरत नहीं है। कंपनी ने कहा है कि मौसम आधारित प्रदूषण, कृषि उत्पादन, भूमि उपयोग परिवर्तन, बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाओं के बारे में उपयोगकर्ताओं को इससे बहुत लाभ होगा। MapmyIndia ने कहा है कि इसके नक्शे और एपीआई (एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) इसरो के जिओपोर्टल्स को समृद्ध करेंगे।
कंपनी ने कहा है कि यह भारतीय वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और सरकारी संगठनों को भारत के सैटलाइट इमेजरी, पृथ्वी अवलोकन डेटा और डिजिटल मैप डेटा और उन्नत भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों को सशक्त करेगा।
रचना
द अचीवर टाइम्स लखनऊ