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राज्यसभा से कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद की बिदाई ने जमकर सुर्खियां बंटोरी। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजाद की तारीफ में ऐसे कुछ किस्से पढ़े कि हर कोई हैरान हो गया। आजाद से अपनी दोस्ती और रिश्तों को याद करते हुए पीएम मोदी सदन में ही भावुक भी हुए और उन्हें अपने साथ आने का खुला न्योता भी दिया।
यही वजह है कि राज्यसभा से गुलाम नबी की विदाई के बाद अब उनके बीजेपी में शामिल होने का तुक्का लगाना शुरू कर दिया है। हालांकि इनके तुक्के लगाने को लेकर खुद कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता ने अपने ही अंदाज में जवाब भी दिया।
कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद की राज्यसभा से विदाई होने के बाद तरह-तरह के तुक्के भी लगाए जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री के राज्यसभा में अंतिम दिन सदन से विदाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक हो गए थे। पीएम मोदी ने गुलाम नबी आजाद को अपना अच्छा दोस्त बताते हुए खुलकर तारीफ भी की थी।
पीएम की तारीफ और न्योते के बाद कल्पना लगाए जा रहे थे। कि गुलाम नबी आजाद बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। इन कल्पनाओ पर विराम लगाते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जिस दिन कश्मीर में काली बर्फ गिरेगी, उस दिन मैं भारतीय जनता पार्टी में शामिल होऊंगा।
गुलाम नबी आजाद ने एक मीडिया संस्थान को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने संबंधों से लेकर बीजेपी का थामने तक कई मुद्दों पर खुलकर बात की।
जब गुलाम नबी आजाद से बीजेपी में शामिल होने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा है कि जिस दिन कश्मीर में काली बर्फ गिरेगी, उस दिन मैं बीजेपी का दामन थाम लूंगा।बीजेपी ही क्यों उस दिन मैं किसी भी दूसरी पार्टी में शामिल हो जाऊंगा।
आजाद ने ये भी कहा है कि जो लोग यह कहते हैं या इन अफवाहों को फैलाते हैं, वे मुझे नहीं जानते।
उन्होंने एक किस्से का जिक्र करते हुए बताया कि- जब राजमाता सिंधिया विपक्ष की उपनेता थीं, तो उन्होंने खड़े होकर मेरे बारे में कुछ आरोप लगाए। मैं उठ गया और मैंने कहा है कि मैं आरोप को बहुत गंभीरता से लेता हूं और सरकार की ओर से मैं एक समिति का सुझाव देना चाहूंगा, जिसकी अध्यक्षता अटल बिहारी वाजपेयी करेंगे। उसमें राजमाता सिंधिया और लालकृष्ण आडवाणी भी सदस्य होंगे।
आजाद ने बताया है कि नरेंद्र मोदी को मैं 90 के दशक से जानता हूं। अब कई टीवी डिबेट में हिस्सा ले चुके है और कई बार बहस से पहले समय मिलता तो साथ में चाय की चुस्की जरूर लगाते थे। इस दौरान राजनीति के अलावा अन्य मुद्दों पर भी बात करते थे।
रचना
द अचीवर टाइम्स लखनऊ