मौनी अमावस्या के पर्व पर काशी के घाट पर धार्मिक कृत्य शंखनाद कर रहे हैं। यह शंखनाद ग्रहों के स्थिति के आधार पर होने वाले बदलावों का तुरही है। इस बार मौनी अमावस्या पर 6 ग्रहों के मिलन और यह अध्ययन बताता है। कि उनके स्थान परिवर्तन का सबसे ज्यादा और व्यापक असर अगर कहीं होना है। तो वह सत्ता में बैठे शासक वर्ग के लोगों से जुड़ा है। बहुत जल्द पांच राज्यों में चुनाव का बिगुल बजने वाला है। और सबसे ज्यादा नजर अगर कहीं है। तो वह पश्चिम बंगाल चुनाव पर है। काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी आज मौनी अमावस्या के मौके पर बड़े गौर से अध्ययन कर रहे हैं।
ग्रहों के अध्ययन के बाद उन्होंने बताया है कि यह मौनी अमावस्या पर कुल पांच से ज्यादा ग्रह अपना स्थान परिवर्तित करके एक ही राशि में आ रहे हैं। और ऐसी दशा में भारी विपदा आने की प्रबल संभावना रहती है। साथ ही साथ शासक वर्ग के लिए पांच से ज्यादा ग्रह जब एक राशि में आते हैं। तो आपसी विद्वेष चरम पर होता है। और सत्ता परिवर्तन की जबरदस्त संभावना होती है।
प्राकृतिक आपदा के साथ सत्ता परिवर्तन का योग जब ग्रहों के बारे में पंडित पवन त्रिपाठी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इस बार मकर राशि में सूर्य, बुध, बृहस्पति, शुक्र, और शनि सहित छह ग्रह एक ही राशि में आ रहे हैं। और यह स्थिति भयंकर उत्पात का संकेत होती है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यह एक असामान्य खगोलीय घटना है। जब एक ही राशि में 6 ग्रह इस बार स्थान परिवर्तित कर रहे हैं। इस परिस्थिति में एक बड़े भूभाग में प्राकृतिक उत्पात के साथ शासक वर्ग में युद्ध की संभावना और सत्ता परिवर्तन का योग होता है।
रचना
द अचीवर टाइम्स लखनऊ