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उत्तर प्रदेश के कानपुर के पनकी में अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक सेंसर युक्त ड्राइविंग लाइसेंस ट्रैक बनाया गया है. प्रदेश के पहले इस सेंसर युक्त ट्रैक पर अधिकांश आवेदक वाहन चलाने में असफल हो रहे हैं. इस समस्या के समाधान के लिए आरटीओ ने एक नई व्यवस्था की है. इसके तहत अब तय किया गया है कि स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट देने वालों को पहले ट्रायल का मौका दिया जाएगा. ताकि उनका आत्मविश्वास बढ़ सके. इसके बाद उनका टेस्ट लिया जाएगा. ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट को पारदर्शी बनाने के लिए पनकी में ऑटोमेटिक टेस्टिंग ड्राइविंग ट्रैक लाइसेंस तैयार किया गया है. ट्रैक पर सेंसर लगे हैं.
अंग्रेजी आठ के आकार में बने ट्रैक पर आवेदकों को वाहन चलाकर दिखाना होता है. रिवर्स पार्किंग में अंग्रेजी अक्षर एच बनाकर दिखाना होना था. कठिन टेस्ट अधिकांश आवेदन पास नहीं कर पा रहे हैं. ट्रैक पर फेल होने के डर से काफी लोग टेस्ट देने भी नहीं पहुंच रहे हैं. दिसंबर से अब तक चालीस फीसदी लोग ही टेस्ट में सफल हुए हैं.
ट्रायल का मौका दे रहे ऑटोमेटिक टेस्टिंग ट्रैक प्रभारी अतुल दीक्षित ने बताया है कि नई व्यवस्था की गई है. इसके तहत ऑटोमेटिक टेस्टिंग ड्राइविंग ट्रैक पर पहली बार टेस्ट देने आ रहे आवेदकों का आत्मविश्वास बढ़े तथा ट्रैक का डर निकले, इसके लिए उनको ट्रायल का मौका दिया जाएगा. उन्होंने बताया है कि दिसंबर 2020 से 8 फरवरी 2021 तक हुए 824 टेस्ट हुए. इसमें से 549 आवेदक पास और 275 आवेदक टेस्ट में फेल हो गए. इन आंकड़ों को देखते हुए ही नई व्यवस्था की गई है।.
प्रियंका मिश्रा
द अचीवर टाइम्स लखनऊ