उत्तरप्रदेश के इटावा जिले में थाना इकदिल क्षेत्र में कर्ज के पैसे देने से बचने के लिए अपने ही अपहरण की झूठी साजिश रचने वाले डॉक्टर को पुलिस ने दो साथियों के साथ गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने बताया है कि पिछले शुक्रवार को थाना इकदिल पुलिस को सुबोध राजपूत ने अपने भाई मनोज राजपूत के कार सवार लोगो द्वारा अपहरण किए जाने की सूचना दी थी। सूचना को गम्भीरता से लेते हुए पुलिस ने अविलंब सूचना दर्ज कर मामले की जांच शुरू की और अपहरण मनोज राजपूत की तलाश करने के लिए दो टीमें लगाई गईं।
एसएसपी ने बताया है कि पुलिस टीम ने इलेक्ट्रॉनिक और मैन्युल सबूतों के आधार पर दबाव डालना शुरू किया। इसी क्रम में कथित रूप से अपहरण हुए मनोज राजपूत को उसके भाई और एक साथी सहित मुसावली के पास ईंट-भट्ठे के पास से सही सलामत बरामद किया। पुलिस पूछताछ में मनोज राजपूत ने बताया है कि हम लोगों ने कई लोगों से रुपए उधार ले रखे थे। जो हमसे रूपयो की रोजाना मांग कर रहे थे। रुपये देने से बचने के लिए हम लोगो ने योजनाबद्ध तरीके से मनोज के अपहरण की झूठी सूचना थाना इकदिल मे दर्ज करवाई थी। पुलिस को सूचना देने वाले को पकड़ा तो खुलासा हुआ एसएसपी ने बताया है कि पुलिस को झूठी सूचना देने के आरोप में कथित रूप से किडनैप हुए युवक और उसके दो साथियों के खिलाफ धारा 195, 211 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है। एसएसपी ने बताया है कि अपहरण की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने पूरे मामले की गंभीरता से जांच करना शुरू कर दिया है। जांच के बाद पता चला कि एक ईंट-भट्ठे पर काम करने वाले पथरे राजुकमार, जो कि फतेहपुर का रहने वाला है। पुलिस को सबसे पहले मनोज कुमार के अपहरण की खबर पुलिस को दी थी.।
रचना
द अचीवर टाइम्स लखनऊ