नई दिल्ली| केंद्र सरकार उन कैंडीडेट्स को एक अतिरिक्त मौका देने को राज़ी हो गई है। जिनका साल 2020 में यूपीएसी सिविल सर्विसेज परीक्षा में अंतिम प्रयास था लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण वे परीक्षा नहीं दे पाए थे।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में एक याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें उन कैंडीडेट्स के लिए एक अतिरिक्त मौका दिए जाने की मांग की गई थी। जिनका पिछले साल अंतिम प्रयास था। लेकिन इस साल उम्र की सीमा के चलते वे इस साल परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते थे।
बता दें कि यूपीएससी ने सिविल सर्विसेज प्रारंभिक परीक्षा 4 अक्टूबर को आयोजित की थी। हालांकि, परीक्षा पहले तो मई में होने वाली थी लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण बाद में इसे टाल दिया गया। सितंबर, 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और यूपीएससी को निर्देश दिया कि उन छात्रों को उम्र की सीमा में छूट दिया जाये।
इसके बाद भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने 26 अक्टूबर को कोर्ट को बताया कि छात्रों को अतिरिक्त मौका दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, बाद में 22 जनवरी को केंद्र ने कहा कि वह एक और मौका दिए जाने के पक्ष में नहीं है। क्योंकि इससे पूरी कार्यप्रणाली पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और समानता अवसर दिए जाने के नियम का भी उल्लंघन होगा।
बता दें कि सिविल सर्विस मुख्य परीक्षा 2020 खत्म हो चुकी है। परीक्षा 8 जनवरी से 17 जनवरी के बीच आयोजित की गई थी। प्रारंभिक परीक्षा में पास होने वाले करीब 10 हजार कैडीडेट्स को इसके मुख्य परीक्षा के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था। उम्मीद की जा रही है कि सिविल सर्विस 2021 का नोटिफिकेशन 10 फरवरी को जारी किया जाएगा।
पत्रकार सुष्मिता गौड़
द अचीवर टाइम्स लखनऊ