भारत में कृषि कानूनों को लेकर केंद्र के नरेंद्र मोदी सरकार को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है । मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसे कुछ सच सामने आए हैं । जिसके मुताबिक इस बात का खुलासा हुआ है । कि किसान आंदोलन को लेकर दुनियाभर के सेलिब्रिटीज की ओर से आ रहे ट्वीट एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है । पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग ने बुधवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया था । जिसमें उन्होंने गूगल डॉक्यूमेंट्स के कुछ पेज शेयर किए थे ।
कहा जा रहा है । कि खुलासे के बाद थुंनबर्ग ने हटाए ट्वीट, इस अंतर्राष्ट्रीय साजिश का पता चला है ।
आपको बता दें कि इस ट्वीट किए गए डॉक्यूमेंट्स में भारत सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कैसे विरोध कराना है । या एक तरह से यह भी कह सकते हैं । कि किस तरह से वैश्विक स्तर भारत में चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन किया जाए । उनके इस ट्वीट के बाद ही लोगों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हों गईं । और देखते ही देखते वो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगीं । विवाद बढ़ता देख ग्रेटा थुनबर्ग ने ये ट्वीट्स डिलीट कर दिए थे । कहा जा रहा है , कि ग्रेटा थुंनबर्ग ने दो एक्शन प्लान को लेकर ट्वीट किए थे । एक एक्शन प्लान में 26 जनवरी तक के एक्शन प्लान का भी जिक्र किया गया है ।
पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन किसानों से जुड़े खबरों और लेख की भरमार वहीं भारत में कृषि कानूनों के खिलाफ दुनियाभर में माहौल बनाने के लिए कनाडा के एक एनजीओ पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन का नाम भी सामने आया है । पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन का एक डॉक्यूमेंट भी सामने आया है । फाउंडेशन की वेबसाइट के ऊपर किसानों से जुड़े खबरों और लेखों की भरमार है । पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि भारत सरकार ने सितंबर 2020 में एक विधेयक को प्रेरित किया, जो देश में किसानों की आजीविका के लिए हानिकारक होगा । कृषि एक ऐसा उद्योग जो भारत के लगभग 50 फीसदी लोगों को रोजगार मुहैया कराता है ।
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इस भड़काउ लेख में लिखा गया है कि लोगों को पुलिस की क्रूरता, जांच पड़ताल और राज्य प्रायोजित हिंसा का सामना करना पड़ रहा है. लेख में लिखा है कि भारत के संविधान को लंबे समय से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के उदाहरण के रूप में मनाया जा रहा है । लेकिन इस गणतंत्र दिवस पर पूरी दुनिया ने एक कथित लोकतांत्रिक सरकार को अपने ही लोगों को मारते हुए देखा गया है । लेख में आगे लिखा है कि भारत तेजी से एक फासीवादी, हिंसक दमनकारी शासन की ओर बढ़ रहा है ।
रचना
द अचीवर टाइम्स लखनऊ