मेरठ. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पूरे क्षेत्र को शुगर बाउल कहा जाता है, क्योंकि यहां बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती की जाती है. अब समय से साथ ही मेरठ जिले के किसान अपडेट हो रहे हैं. किसान अब केवल गन्ने व सब्जियों तक ही सीमित नहीं रहे. मेरठ में अब परपंरागत खेती में समय के साथ ही बदलाव देखने को मिल रहा है. अब मेरठ के किसानों की पहंचान उद्यान संबंधी खेती से भी हो रही है. यहां कुछ किसान गन्ने की खेती छोड़कर स्ट्रॉबेरी अपने खेतों में उगा रहे हैं और उनकी कमाई भी बढ़ी है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मेरठ के माछरा ब्लाक के अमरपुर निवासी किसान सेवाराम स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं. सेवाराम ने प्रयोग के तौर पर एक एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती की शुरूआत की है. महाराष्ट्र में हिल स्टेशन के नाम से प्रसिद्ध महाबलेश्वर से सेवाराम ने 16 हजार पौधे लाकर स्ट्राबेरी की खेती शुरू की थी. खास बात यह भी है कि वह स्ट्राबेरी की खेती में ड्रिप यानि टपक सिंचाई विधि को अपना रहे हैं. वह जल संरक्षण के साथ स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं.
कमाई भी बढ़ी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सेवाराम बताते हैं कि पिछले छह माह की फसल में उन्हें स्ट्राबेरी से अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही है. खेती किसानी के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है जब मेरठ समेत वेस्ट यूपी को गन्ने के लिए देशभर में जाना जाता है. सेवाराम का कहना है कि सितंबर 2020 में उन्होंने विंटर डाउन प्रजाति की स्ट्रॉबेरी की पौध लगाई थी. फसल की बुआई में उनकी करीब दो लाख की लागत आई. उन्होंने बताया कि ठंड के सीजन में प्रत्येक चौथे-पांचवें दिन स्ट्रॉबेरी तोड़कर बाजार ले जाते हैं. पैकेट में पैकिंग करने के बाद वह दिल्ली रोड स्थित नवीन मंडी में लेकर जाते हैं. जहां पर अच्छा दाम मिल रहा है. इसके अलावा उनका कहना है कि यदि बड़े पैमाने पर उत्पादन हो तो दिल्ली की मंडी में भी जा सके।