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सपा को हराने के लिए भाजपा को भी वोट देने से गुरेज नहीं: मायावती

अपने विधायकों की बगावत पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने तीखे तेवर दिखाते हुए न सिर्फ सात विधायकों को पार्टी से निलंबित कर दिया बल्कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव के पहले किए गए इस षड्यंत्र का जवाब वे विधान परिषद चुनाव में देंगी। सपा को हराने के लिए भाजपा को भी वोट देने से गुरेज नहीं करेंगी। जो भी सपा के उम्मीदवार को हराएगा, बसपा उसे अपने विधायकों का वोट दिलाएगी।

मायावती ने बृहस्पतिवार को मीडिया कर्मियों से बातचीत में दो टूक कहा, पिछले लोकसभा चुनाव में सपा से गठबंधन और गेस्ट हाउस कांड का केस वापस लेना बड़ी भूल थी। गेस्ट हाउस कांड मेरी हत्या के लिए सपा का रचा गया षड्यंत्र था, जिसमें वह कामयाब नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि गठबंधन के बाद वे जीत के प्रयास में लगी रहीं, लेकिन सपा मुखिया बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र से गेस्ट हाउस कांड केस वापस लेने पर जोर देते रहे। इसके बाद केस वापस ले लिया। चुनाव नतीजे के बाद सपा का रवैया देखकर लगा कि गठबंधन और केस वापस लेना बड़ी गलती थी। यदि गंभीरता से सोचती तो ऐसा न करती।

अखिलेश को नसीहत – तोड़फोड़ की राजनीति टिकाऊ नहीं, पिता से सीखें
‘यदि लंबी राजनीति करनी है तो ऐसा कोई कार्य न करें जिससे राजनीतिक भविष्य खराब हो। तोड़फोड़ की राजनीति कभी टिकाऊ नहीं होती। अपने पिता से सीख ले सकते हैं।’
‘राज्यसभा चुनाव में अखिलेश ने वैसा ही षड्यंत्र किया, जैसा उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने वर्ष 2003 में उनके 38 विधायक तोड़कर किया था। उस तोड़फोड़ का नतीजा यह निकला कि बसपा 2007 में पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई। अखिलेश का भी उनके पिता की तरह बुरा हाल होने वाला है। बसपा फिर पूर्ण बहुमत से सत्ता में आएगी।

भाजपा से सांठगांठ पर बोलीं- खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे
‘सपा ने राज्यसभा में पर्चे की जांच के समय अपना दलित विरोधी चेहरा फिर दिखा दिया। सफलता न मिलने पर खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह जबरन भाजपा के साथ सांठगांठ कर चुनाव लड़ने का आरोप लगा रही है। इसमें रत्तीभर भी सच्चाई नहीं है।’
– मायावती

दलबदल कानून के तहत कार्रवाई…
मायावती ने पार्टी प्रत्याशी रामजी गौतम का प्रस्ताव होने से इनकार करने वाले 4 विधायकों समेत 7 विधायकों पर कार्रवाई करते हुए कहा कि इन्हें अब पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाएगा। इनके खिलाफ दलबदल कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में कोई चुनाव नहीं लड़ाया जाएगा। इन निलंबित विधायकों के स्थान पर इन्हीं की जाति, धर्म व समाज के लोगों को टिकट दिया जाएगा। मुस्लिम समाज व अन्य को बढ़ावा मिलता रहेगा।

ये सात विधायक निलंबित
– असलम राइनी, भिनगा-श्रावस्ती
– असलम अली चौधरी, ढोलाना-हापुड़
– मुजतबा सिद्दीकी, प्रतापपुर-प्रयागराज
– हाकिम लाल बिंद, हंडिया-प्रयागराज
– हरगोविंद भार्गव, सिधौली-सीतापुर
– सुषमा पटेल, मुंगरा बादशाहपुर-जौनपुर
– वंदना सिंह, सगड़ी-आजमगढ़

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