संजय गांधी पीजीआई के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. टी एन ढोल (67) की कोरोना से मौत हो गई। वह देश के प्रसिद्ध वायरोलॉजिस्ट थे। चिकित्सा संस्थानों में माइक्रोबायोलॉजी को स्वतंत्र विभाग के रूप में स्थापित करने का श्रेय डॉ. ढोल को जाता है।
डॉ. ढोल ने मंगलवार देर रात पीजीआई के राजधानी कोविड अस्पताल में अंतिम सांस ली। डॉ. टी एन ढोल 4 सितंबर को वायरस की चपेट में आ गए थे। बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया।
जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर वह कोविड अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हुए। तमाम प्रयास के बाद भी फेफड़े का संक्रमण नहीं रुका। निमोनिया के साथ लंग में सिकुड़न बढ़ जाने की वजह से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। एसजीपीजीआई की पूरी टीम उनकी निगरानी में लगी रही लेकिन उनकी जान बचाने में सफलता नहीं मिली।
डॉ. ढोल पीजीआई एचआरएफ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। माइक्रोबायोलॉजी विभाग का अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने प्रदेश में वायरस की जांच के लिए अलग से इंस्टिट्यूट बनाने का भी प्रस्ताव तैयार किया था। हालांकि, यह प्रोजेक्ट परवान नहीं चढ़ पाया। वायरस के विभिन्न पहलुओं की खोज के लिए उन्हें भारत ही नहीं दुनिया भर में पहचान मिली।