जान्हवी कपूर की फिल्म गुंजन सक्सेना लगातार विवादों में है। भारतीय वायुसेना की तरफ से फिल्म को लेकर आपत्ति जताई जा चुकी है। वायुसेना ने सेंसर बोर्ड से इसकी शिकायत भी की है। सोशल मीडिया पर भी लगातार फिल्म का विरोध हो रहा है। इस बीच महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक की मांग की है।
रेखा शर्मा ने एक ट्वीट कर फिल्म गुंजन सक्सेना से जुड़े विवाद पर अपनी बात रखी है। उन्होंने लिखा है, ‘अगर ये सच है तो फिल्म के मेकर्स को माफी मांगनी चाहिए और इसकी स्क्रीनिंग पर भी रोक लगनी चाहिए। ऐसी कोई भी फिल्म क्यों देखी जाए अगर उस में भारतीय फोर्स की गलत छवि दिखाई जाए, वो भी तब जब ये सब झूठ हो।’
इससे पहले रेखा शर्मा ने ट्वीट किया था, ‘असली गुंजन सक्सेना को सामने आना चाहिए और स्पष्ट करना चाहिए कि क्या फिल्म में दिखाया गया लिंग भेदभाव वास्तविक है? सेना की पृष्ठभूमि से होने के कारण मैं कभी भी रक्षा अधिकारियों का गुंडों की तरह व्यवहार करने की कल्पना नहीं कर सकती। अधिकारी हों या न हों, सेना में महिलाओं को हमेशा सम्मान मिलता है।’
वायुसेना ने लिखा था पत्र
कुछ दिनों पहले वायुसेना ने सेंसर बोर्ड के अलावा नेटफ्लिक्स और धर्मा प्रोडक्शन को भी यह पत्र भेजा था। पत्र में लिखा था, ‘शुरुआती समझौते के मुताबिक धर्मा प्रोडक्शन ने कहा था कि फिल्म में भारतीय वायु सेना के सम्मान को बनाए रखा जाएगा। यह भी सुनिश्चित किया गया था कि यह फिल्म आने वाली पीढ़ियों को वायुसेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगी।’
कौन हैं गुंजन सक्सेना
गुंजन सक्सेना फिल्म कारगिल युद्ध में शामिल होने वाली पहली महिला पायलट पर आधारित है। 1999 की जंग में साहस दिखाने के लिए उन्हें शौर्य वीर पुरस्कार से नवाजा गया था। वायुसेना का कहना है कि सेना में लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता और सभी को बराबर का मौका दिया जाता है। तीनों सेनाओं में वायुसेना ने ही सबसे पहले महिला अधिकारियों को मेडिकल ब्रांच के अलावा अन्य विभाग में भी कमीशन दिया था।