जन्माष्टमी के दिन राजधानी लखनऊ समेत गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ व मथुरा समेत कई अन्य जिलों में स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं की बत्ती अचानक गुल हो गई। दिलचस्प बात यह रही कि मीटर चालू थे। बुधवार को जिन क्षेत्रों में बिजली बंद हुई, उनमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व ऊर्जा मंत्री के क्षेत्र थे। इससे हड़कंप मच गया। लखनऊ में कई उपकेंद्रों पर उपभोक्ता जमा होकर हंगामा करने लगे। शक्ति भवन में अफरा-तफरी मची रही। वहीं ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर ईईएसएल और एलएंडटी ने अपने स्टेट हेड को निलंबित कर दिया।
आला अधिकारी शक्ति भवन में डटे रहे और तकनीकी गड़बड़ी दुरुस्त कर आपूर्ति बहाल कराने की कोशिशें चल रही थीं। पावर कॉर्पोरेशन के अधिकारियों का दावा है कि तकनीकी कारणों से समस्या आई। ज्यादातर उपभोक्ताओं की बिजली पुन: चालू करा दी गई है। अचानक बिजली आपूर्ति बंद होने को लेकर जब शक्ति भवन में गोरखपुर, वाराणसी व मथुरा से भी फोन पहुंचने लगा तो पावर कॉर्पोरेशन के अफसरों के हाथ-पांव फूलने लगे। छानबीन में पता चला कि शक्ति भवन में जहां से स्मार्ट मीटरों की ऑनलाइन निगरानी होती है, वहां से कोई गलत कमांड दब गया था, जिसकी वजह से ऐसी दिक्कत हुई।
जन्माष्टमी के चलते सीएम योगी आज गोरखपुर में जबकि ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा अपने गृह जिले मथुरा में थे। श्रीकांत शर्मा वहीं से मॉनिटरिंग करते रहे। सूत्रों की मानें तो ऊर्जा मंत्री ने सीएम को इन स्मार्ट मीटरों की खराब गुणवत्ता की जानकारी दी है। वहीं राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ईईएसएल द्वारा लगवाए जा रहे स्मार्ट मीटरों की खराब गुणवत्ता को लेकर बृहस्पतिवार को ऊर्जा मंत्री से फिर शिकायत करेगा।
फेल हो सकता था ग्रिड
तकनीकी जानकारों का कहना है कि प्रदेश में अभी सिर्फ आठ-दस लाख ही स्मार्ट मीटर लगे हैं, इसलिए ग्रिड पर कोई खास असर नहीं पड़ा। अगर प्रदेश के सभी करीब तीन करोड़ उपभोक्ताओं के यहां ये मीटर लगे होते तो ग्रिड का फेल होना तय था।
‘तकनीकी कारणों से स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं की बिजली गुल हो गई। जांच के बाद ही पता चलेगा कि इसकी वजह क्या रहेगी। अब स्थिति सामान्य कर ली गई है।’
– अरविंद कुमार, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा व अध्यक्ष पावर कार्पोरेशन