ब्रेकिंग स्क्राल
Home / अंतर्राष्ट्रीय / दवा कंपनियों ने आपदा को अवसर में बदला, बिन वैक्सीन ही कमा लिए 7.5 हजार करोड़

दवा कंपनियों ने आपदा को अवसर में बदला, बिन वैक्सीन ही कमा लिए 7.5 हजार करोड़

दुनियाभर में कोहराम मचाने वाली कोविड-19 आपदा को अमेरिकी दवा कंपनियों के अधिकारियों ने अवसर में बदल लिया। उन्होंने कंपनी के वैक्सीन बनाने की घोषणा से ठीक पहले शेयरों में हिस्सेदारी ली और बाजार में दाम चढ़ने पर बेच दिया। इससे कुछ ही दिनों के भीतर 1 अरब डॉलर (7.5 हजार करोड़ रुपये) का तगड़ा मुनाफा कमाया। रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी सैन फ्रांसिस्को की छोटी सी दवा कंपनी वजार्ट ने 26 जून को एलान किया था कि जिस कोरोना वैक्सीन पर वह काम कर रही है, उसे अमेरिकी सरकार ने अपनी फ्लैगशिप योजना वार्प स्पीड में शामिल किया है।

इस खुलासे से ठीक पहले कंपनी के शीर्ष अधिकारियों ने इक्विटी शेयरों में हिस्सेदारी ली थी। जैसे ही यह खबर बाजार में आई, कंपनी के शेयर चढ़ने शुरू हो गए और शीर्ष अधिकारियों के इक्विटी शेयरों का मूल्य छह गुना बढ़कर 20 करोड़ डॉलर पहुंच गया। वजार्ट के एक शेयर का मूल्य जनवरी में 30 सेंट था जो अप्रैल में 10 गुना बढ़कर 3.66 डॉलर पहुंच गया। यह दांव सिर्फ वजार्ट ही नहीं, 11 कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने चला था। इसमें अधिकतर कंपनियां बहुत छोटी हैं, जिनके लाभ-हानि का भविष्य भी नजर नहीं आ रहा था। लेकिन सरकार से मदद मिलने और वैक्सीन बनाने की दौड़ में शामिल होने की घोषणा से ठीक पहले शेयर खरीदकर इन अधिकारियों ने करीब 7.5 हजार करोड़ का मुनाफा कमा लिया।

कंपनियों ने बताई अधूरी सच्चाई…
वजार्ट ने बताया था कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन अमेरिकी सरकार ने अपनी फ्लैगशिप योजना में शामिल की है। सच्चाई इससे कुछ अलग है। वजार्ट की वैक्सीन बंदरों पर ट्रायल के लिए थी। इसे न तो अमेरिकी सरकार से मदद मिली और न ही फ्लैगशिप योजना में शामिल किया गया। बावजूद इसके कंपनी के मुख्य कार्यकारी एंड्रयू फ्लोरयू ने जून में खरीदे 43 लाख डॉलर के स्टॉक को 2.8 करोड़ डॉलर में बेचकर बड़ा मुनाफा कमा लिया।

गलत तरीके से कमाई का आरोप
अमेरिका की गैर लाभकारी संस्था पेशेंट फॉर अफोर्डेबल ड्रग्स के कार्यकारी निदेशक बेन वकाना का कहना है कि वैसे तो सही समय पर स्टॉक खरीदना-बेचना कानूनन सही है। लेकिन कई निवेशकों और विशेषज्ञों का कहना है कि इन अधिकारियों ने मुनाफा कंपनी की आंतरिक खबरों के आधार पर कमाया है। यह कदम फार्मा उद्योग और निवेशकों के भरोसे को ठेस पहुंचाने वाला है। महामारी के इस दौर में हर नागरिक अपना योगदान दे रहा जबकि इन कंपनियों ने मुनाफा कमाने पर जोर दिया।

इन कंपनियों ने भी बनाए पैसे
कंपनी            मुनाफा
रिजेनेरन            80 फीसदी
मॉडर्ना              300 फीसदी
नोवावैक्स           550 फीसदी

About The Achiever Times

Check Also

निशुल्क स्वास्थ्य एवं नेत्र परीक्षण शिविर में दी गईं मुफ्त दवाईयां और चश्मे

रजनी केयर फाउंडेशन ने वृद्धाश्रम में आयोजित किया शिविर लखनऊ। रजनी केयर फाउंडेशन की ओर …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *