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एप्प बैन होने से चीन को होंगे ये नुकसान

भारत के साथ सीमा विवाद भड़काने का खामियाजा चीन को न केवल सामरिक रूप से उठाना पड़ेगा बल्कि उसे भारी-भरकम आर्थिक झटका भी लगेगा। मोबाइल एप इंडस्ट्री की बात करें तो भारत में 80 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास स्मार्टफोन हैं। बीते साल दुनियाभर में सबसे ज्यादा एप भारत में इंस्टॉल किए गए थे।

आंकड़ों के मुताबिक शुरुआती तीन महीने में ही 4.5 अरब से ज्यादा एप डाउनलोड किए गए, जिनमें सबसे ज्यादा टिकटॉक था। अब भारत सरकार ने सोमवार को चीन के 59 चर्चित एप पर प्रतिबंध लगाकर चीन के नापाक इरादों को जवाब देने के लिए वर्चुअल स्ट्राइक की है।
विशेषज्ञों के मुताबिक इस वर्चुअल स्ट्राइक के जरिये भारत चीन को ज्यादा प्रभावी और मजबूत जवाब दे सकता है। भारत में मुख्य रूप से चार तरह के चीनी एप का बाजार है। इनमें पहला- आर्थिक लेनदेन, दूसरा-खरीदारी, तीसरा- मजाकिया एप और चौथे चीनी दुष्प्रचार को बढ़ावा देने वाले एप हैं।
जानकारों का कहना है कि इनमें से कम से तीन तरीके के एप ऐसे हैं जिन्हें भारतीय बाजार से कभी भी निकाला जा सकता है। इसका ज्यादा असर भारत पर नहीं पड़ेगा और यह चीनी सामानाें के बहिष्कार से ज्यादा कारगर साबित होगा।

टिक टॉक की बात करें तो दुनियाभर में इसके दो अरब से ज्यादा यूजर हैं। इनमें सबसे ज्यादा करीब 30 फीसदी भारतीय हैं। इसके बाद चीन और अमेरिका में इसके यूजर हैं। इस एप की कुल कमाई का 10 फीसदी केवल भारत से होता है।

केंद्र सरकार ने इस वजह से लगाया 59 चीनी एप पर प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने चीन के खिलाफ बड़ा फैसला लेते हुए सोमवार को टिकटॉक समेत 59 चीनी एप को देश में प्रतिबंधित कर दिया है। इनमें टिकटॉक के अलावा यूसी ब्राउजर, वीवा वीडियो, शेयरइट, क्लब फैक्टरी, हेलो आदि शामिल हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बयान जारी किया कि आईटी कानून की69ए धारा के तहत सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2009 के अंतर्गत मिले अधिकारों से इन एप पर प्रतिबंध लगाया गया है। इन 59 एप के जरिये जनता के निजी डाटा में सेंध लगाई जा रही थी और निजता को खतरा था।

ये एप ऐसी गतिविधियों में लिप्त थे जिनसे देश की संप्रभुता और अखंडता, देश की रक्षा व राज्य एवं सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा था। मंत्रालय ने कहा कि उसके पास कई शिकायतें आई हैं, जिनमें नागरिकों के निजी डाटा में सेंध लगाने की चिंताएं व्यक्त की गईं। केंद्र सरकार की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी-इन) को भी इस संबंध में कई शिकायतें मिलीं थीं।

टिकटॉक के भारत में सबसे ज्यादा उपभोक्ता
युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय टिकटॉक के भारत में सबसे ज्यादा उपभोक्ता हैं। चीन दूसरे और अमेरिका तीसरे नंबर पर है। दुनिया भर में 2 अरब से अधिक टिकटॉक उपभोक्ताओं के 30 फीसदी करीब 61.1 करोड़ उपभोक्ता अकेले भारत में हैं। इस एप की कुल कमाई का 10 फीसदी केवल भारत से।

इन एप पर प्रतिबंध
टिकटॉक, शेयरइट, क्वाई, यूसी ब्राउजर, बायडू मैप, शीइन, क्लैश ऑफ किंग्स, डीयू बैटरी सेवर, हेलो, लाइकी, यूकैम मेकअप, एमआई कम्यूनिटी, सीएम ब्राउजर्स, वाइरस क्लीनर, एपस ब्राउजर, रॉमवी, क्लब फैक्टरी, न्यूजडॉग, ब्यूट्री प्लस, वीचैट, यूसी न्यूज, क्यूक्यू मेल, वीबो, जेंडर, क्यूक्यू म्यूजिक, क्यू क्यू न्यूजफीड, बिगो लाइव, सेल्फी सिटी, मेल मास्टर, पैरलल स्पेस, एमआई वीडियो कॉल जियाओमी, वी सिंक, एएस फाइल एक्सप्लोरर, वीवा वीडियो क्यूयू वीडियो इंक, माइटू, विको वीडियो, न्यू वीडियो स्टेटस, डीयू रिकॉर्डर, वॉल्ट हाइड, कैचे क्लीनर डीय एप स्टूडियो, डीयू क्लीनर, डीयू ब्राउजर, हेगो प्ले विद न्यू फ्रेंड्स, कैम स्कैनर, क्लीन मास्टर चीता मोबाइल, फोटो वंडर, क्यू क्यू प्लेयर, वी मीट, स्वीट सेल्फी, बायडू ट्रांसलेट, वीमेट, क्यूक्यू इंटरनेशनल, क्यू क्यू सिक्योरिटी सेंटर, क्यूक्यू लॉन्चर, यू वीडियो, वी फ्लाई स्टेटस वीडियो, मोबाइल लीजेंड्स और डीयू प्राइवेसी शामिल हैं।

टॉप चीनी एप

एप                         भारत में यूजर
टिकटॉक                  61.1 करोड़
वीचैट                      40 करोड़
शेयरइट                   40 करोड़
यूसी ब्राउजर            13 करोड़
हेलो                         10 करोड़
कैम स्केनर              10 करोड़

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