प्रदेश में अदालतों, धार्मिक स्थलों, प्रमुख भवनों, मेट्रो स्टेशन और हवाई अड्डों की सुरक्षा के लिए बनने जा रही उतर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल जल्द ही अस्तित्व में आ जाएगी। मंगलवार को होने वाली कैबिनेट में इसका प्रस्ताव लाने की तैयारी है।
सूत्रों का कहना है कि विशेष बल के गठन के लिए कैबिनेट के साथ-साथ विधान मंडल के दोनों सदनों से एक्ट को मंजूरी जरूरी है। लेकिन विशेष परिस्थितियों में इसे कैबिनेट से पास कराने के बाद इसे लागू किया जा सकता है।
बाद में विधानमंडल के दोनों सदनों से एक्ट को मंजूरी दिला दी जाएगी। फिलहाल पीएसी और पुलिस कर्मियों में से ही लोगों को यूपीएसएसएफ में भेजा जाएगा। सूत्रों का कहना है कि जो भी कमांडो और जवान यूपी एसएसएफ में लगाए जाएंगे उन्हें यूपी एटीएस की स्पॉट द्वारा प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।
स्पॉट ने जिलों की स्वॉट टीमों को प्रशिक्षित किया है। इसके लिए अनौरा में एटीएस मुख्यालय पर प्रशिक्षण दिलाया जाता है। पहले चरण में एसएसएफ की पांच बटालियन बनाए जाने पर सहमति बनी है।
हाईकोर्ट के निर्देश पर हुआ यूपी एसएसएफ का गठन
दरअसल पिछले वर्ष दिसंबर में बिजनौर में भरी अदालत में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से ही अदालतों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को अदालतों की सुरक्षा के लिए विशेष बल के गठन के लिए कहा था।
इसी के तहत सुरक्षा मुख्यालय ने डीजीपी मुख्यालय के माध्यम से प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा था। हालांकि औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा के लिए पूर्व में भी सीआईएसएफ की तर्ज पर एसआईएसएफ बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया था, लेकिन उस पर निर्णय नहीं हो सका था।
दिसंबर में संशोधित प्रस्ताव शासन को भेजा गया। सूत्रों का कहना है कि इसी प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने अपनी सहमति दी है और जल्द ही इसे कैबिनेट में लाने के बाद विधान मंडल के दोनों सदनों से पास कराया जाएगा।