चीन एक तरफ पड़ोसी देशों के साथ सीमा मुद्दे पर तनाव पैदा कर रहा है और दूसरी तरफ अपने स्वायत्तशासी क्षेत्र हांगकांग में सुरक्षा कानून लागू कर रहा है। इसे लेकर जी-7 के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी किया और चीन से हांगकांग पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने के फैसले पर पुनर्विचार करने का दबाव बनाया।
संयुक्त बयान में कहा गया है कि प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ‘एक देश, दो प्रणाली’ सिद्धांत पर गंभीर रूप से खतरा है। अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान व ब्रिटेन के विदेश मंत्री और यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि ने अपने बयान में कहा है कि यह उस प्रणाली को खतरे में डाल देगा, जिसने हांगकांग को फलने फूलने का बेहतरीन मौका दिया है।
संयुक्त घोषणा के मुताबिक, चीन का यह कदम हांगकांग को लेकर वैश्विक प्रतिबद्धताओं के अनुरूप नहीं है। यह कानून संयुक्त राष्ट्र में पंजीकृत चीन-ब्रिटिश सिद्धांतों से भी मेल नहीं खाता है। जी-7 के विदेश मंत्रियों ने बीजिंग के इस फैसले पर अपनी गंभीर चिंता और आपत्ति जताई क्योंकि इससे हांगकांग के लोगों के मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता पर अंकुश लग जाएगा।
चीन ने जताई आपत्ति
चीन ने बृहस्पतिवार को हांगकांग सुरक्षा कानून पर जी-7 के विदेश मंत्रियों के बयान पर आपत्ति जताते हुए इसका विरोध किया। उसने संकेत दिया है कि हांगकांग में नया कानून जल्द ही लागू किया जाएगा। उसने कहा, हांगकांग में विरोध प्रदर्शन को देखते हुए यह जरूरी है।