अयोध्या ढांचा विध्वंस मामले में बृहस्पतिवार को आरोपियों के बयान दर्ज होने का सिलसिला शुरू हो गया। हालांकि पहले दिन समय की कमी के कारण सिर्फ एक ही आरोपी विजय बहादुर सिंह के बयान दर्ज हो सके। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 5 जून को तय कर सभी आरोपियों को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया है।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके यादव की अदालत में सुनवाई के समय विजय बहादुर सिंह, पवन पांडेय, विनय कटियार, संतोष दुबे, गांधी यादव और डॉ. रामविलास वेदांती हाजिर हुए। वहीं, अन्य 26 आरोपियों की ओर से हाजिरी माफ करने की दी गई अर्जी को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद कोर्ट ने कोरोना महामारी की गाइडलाइन के अनुसार विजय बहादुर के 313 दंड प्रक्रिया संहिता के बयान दर्ज करने शुरू किए, लेकिन एक हजार से अधिक प्रश्न होने के चलते केवल उनकी ही गवाही हो सकी। इसके बाद कोर्ट का समय समाप्त होने से अन्य पांच लोगों की गवाही दर्ज नहीं हो सकी।
कोर्ट ने सभी आरोपियों को 5 जून को तलब करने का निर्देश दिया। साथ ही बचाव पक्ष को आरोपियों के बयान दर्ज होने के बाद उन्हें अपने बचाव में सफाई का साक्ष्य पेश करने के लिए बहस व मौखिक सफाई साक्ष्य देने की जगह लिखित में साक्ष्य दाखिल करने को कहा, जिससे मामले की निर्धारित समय में विचरण की प्रक्रिया पूरी की जा सके।
इस मामले में सीबीआई की ओर से विशेष वकील ललित सिंह और आरके यादव ने कुल 354 गवाह पेश किए, जिसके बाद कोर्ट ने सभी 32 आरोपियों को तलब किया था। कोर्ट ने आरोपियों से उनका पक्ष जानने के लिए प्रत्येक आरोपी के लिए एक हजार से अधिक प्रश्न तैयार कराए हैं, जो सभी आरोपियों से व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पूछे जाएंगे।