देश के बीस राज्यों में रहने वाले लोग एक राष्ट्र-एक राशनकार्ड योजना का लाभ उठा सकते हैं। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने योजना में ओडिशा, सिक्किम और मिजोरम को भी जोड़ने को मंजूरी दे दी है। ओडिशा, सिक्किम, मिजोरम, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दमन दीव, आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा इस योजना में शामिल हैं।
पासवान ने कहा कि एक अगस्त तक उत्तराखंड, नगालैंड और मणिपुर को जोड़ने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। मंत्रालय की कोशिश है कि 31 मार्च तक पूरे देश में एक राष्ट्र-एक राशनकार्ड लागू हो जाए। इस महत्वाकांक्षी योजना के लागू होने के बाद किसी भी राज्य में किसी भी राशन की दुकान से राशन ले सकते हैं। अब तक एक राष्ट्र-एक राशनकार्ड योजना 17 राज्यों में लागू थी। एक माह पहले ही इस योजना में उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हिमाचल प्रदेश व दमन दीव को शामिल किया गया है।
इन राज्यों में प्रक्रिया पूरी
उन्होंने कहा कि राशन कार्ड के साथ आधार विवरण को सम्बद्ध करना और पीडीएस दुकानों पर पॉइंट आफ सेल मशीन स्थापित करना, राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी को प्रभावी रूप से सक्षम बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह प्रक्रिया पहले ही, 17 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में पूरी हो चुकी है, जिसमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड, त्रिपुरा, बिहार, यूपी, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और दमन और दीव शामिल हैं।
लॉकडाउन में ही ‘एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड’
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना अपनाने की संभावना पर विचार करे। न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने सोमवार को पारित अपने आदेश में कहा, ”हम केंद्र सरकार को इस समय यह योजना लागू करने की व्यावहारिकता पर विचार करने और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लेने का निर्देश देते हैं।”