विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 के मरीजों पर मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का क्लीनिकल ट्रायल सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अस्थायी तौर पर रोकने की बात कही थी। प्रतिष्ठित स्वास्थ्य जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि कोरोना मरीजों को इस दवा से फायदे की बजाय नुकसान हो रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस दवा की तारीफ की थी। कोरोना मरीजों के इलाज में मददगार होने की बात सामने आने के बाद भारत ने दुनिया के कई देशों को इस दवा की आपूर्ति की है। मालूम हो कि भारतीय कंपनियां बड़े पैमाने पर इस दवा का उत्पादन करती हैं।
लैंसेट की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) लेने वाले कोविड 19 के मरीजों की मौत की संख्या ये दवा नहीं लेने वाले मरीजों की संख्या में ज्यादा है। मालूम हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 17 देशों के 3,500 कोरोना मरीजों को दवाओं के ट्रायल के लिए शामिल किया था। इसे सॉलिडेटरी ट्रायल का नाम दिया गया था।
इस ट्रायल का मकसद कोविड की दवा ढूंढना था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, ट्रायल में शामिल मरीजों पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और तीन अन्य दवाओं का रैंडमाइज्ड ट्रायल शुरू किया जाना था। अब हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल पर रोक लगाई गई है, लेकिन बाकी दवाओं का ट्रायल जारी रहेगा।
लैंसेट के शोध में क्या है रिपोर्ट
लैंसेट में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि शोध में क्लोरोक्वीन और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से कोविड-19 मरीजों को फायदा नहीं पहुंच रहा है। इसलिए अब क्लीनिकल ट्रायल और कोरोना मरीजों के इलाज में इसके इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए।
लैंसेट ने शोधकर्ताओं सी फंक-ब्रेंटानो और जे सलेम की टिप्पणी साझा करते हुए कहा है कि प्राथमिक रिपोर्टों के साथ आए नतीजे बताते हैं कि क्लोरोक्वीन और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को अकेले या फिर अझिथ्रोमाइसिन के साथ खाना फायदेमंद नहीं है। इससे कोविड-19 मरीजों को नुकसान हो सकता है।
सात रिसर्च स्टडी का अध्ययन
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन के मुताबिक, स्टीयरिंग कमिटी की बैठक में तय किया गया है कि हमें सुरक्षात्मक तरीका अपनाने की जरूरत है। इसलिए अस्थाई तौर पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल पर रोक लगाने का फैसला किया गया है। अब रिव्यू पैनल इस दवा के प्रयोग संंबंधित सात अन्य रिसर्च स्टडी का अध्ययन करेगी।
ब्राजील में जारी रहेगा प्रयोग
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के तरह ही ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो ने भी कोरोना के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल की वकालत की थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से इस दवा के ट्रायल पर रोक लगाने के बावजूद ब्राजील ने कहा है कि वह कोविड-19 के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगाएगा।