हाइपरटेंशन यानी की हाई ब्लड प्रेशर बेहद ही खतरनाक बीमारी है। इस बीमारी का अगर सही समय पर इलाज न किया जाए तो मरीज की जान भी जा सकती है। क्योंकि हाइपरटेंशन की वजह से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण कोरोनरी हार्ट डिजीज, हार्ट फेल्योर, स्ट्रोक और किडनी फेल्योर जैसी जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं। हाइपरटेंशन की वजह से हर साल बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जाती है। इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है।
अगर किसी व्यक्ति का सिस्टोलिक ब्लडप्रेशर 90 और 120 मिलीमीटर से ज्यादा और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 60 से 80 मिमी से ज्यादा होता है तो वह हाइपरटेंशन का शिकार हो सकता है। इस बीमारी की वजह से हार्ट, ब्रेन और किडनी को गंभीर क्षति पहुंचती है। काफी लंबे वक्त से हाइपरटेंशन होने पर हार्ट की मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है और हार्ट फेल होने की संभावना बढ़ जाती है।
जीवनशैली में आए बदलाव, मानसिक विकार, चिंता, गुस्सा, अनियमित खान-पान और धूम्रपान की वजह से हाइपरटेंशन होने की संभावना बढ़ जाती है। तनाव, मोटापा और नमक के ज्यादा सेवन से भी यह बीमारी हो सकती है। इसके अलावा हाइपरटेंशन की समस्या अनुवांशिक है। अगर परिवार का कोई सदस्य इस बीमारी से ग्रसित है तो आपको भी यह समस्या हो सकती है।
हालांकि बिना किसी ड्रग्स की सहायता से हाइपरटेंशन को नॉर्मल लेवल पर लाया जा सकता है। इसके लिए हमें अपने लाइफस्टाइल में सकारात्मक बदलाव लाने की जरूरत है। हाइपरटेंशन की समस्या से बचने के लिए सबसे पहले हमें वजन नियंत्रित करना चाहिए। मोटापा के वजह से इस बीमारी का खतरा दोगुना हो जाता है। अगर आप स्मोकिंग करते हैं तो इसे तुरंत छोड़ दें। स्मोकिंग हमारी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है, जो हाइपरटेंशन की समस्या को जन्म देती है।
हाइपरटेंशन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए नियमित एक्सरसाइज करना चाहिए। एक्सरसाइज के अभ्यास से हमारा मानसिक तनाव दूर होता है और दिमाग को शांति मिलती है।