दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर के तबादले को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उनके तबादले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। वहीं राहुल गांधी ने ट्वीट कर जस्टिस लोया को याद किया।
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि मौजूदा मामले को देखते हुए जस्टिस एस मुरलीधर का तबादला चौंकाने वाला नहीं है, बल्कि यह दुखद और शर्मनाक है। उन्होंने आगे कहा कि लाखों भारतीयों को एक न्यायप्रिय और ईमानदार न्यायपालिका में विश्वास है, न्याय और जनता का विश्वास तोड़ने का सरकार का प्रयास दुस्साहसी है।
वहीं राहुल गांधी ने कहा कि बहादुर जज लोया को याद कर रहा हूं, उनका तबादला नहीं हुआ था। दरअसल, मुरलीधर को पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय में तबादला किया गया है। उन्होंने दिल्ली हिंसा के मामले पर सुनवाई की थी।
भाजपा नेताओं को बचाने के लिए जज का हुआ तबादला: कांग्रेस
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि सरकार ने दिल्ली हिंसा मामले में भाजपा नेताओं को बचाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस मुरलीधर का तबादला किया।
उन्होंने कहा कि ऐसा लगाता है कि न्याय करने वालों को देश में बख्शा नहीं जाएगा। भाजपा सरकार द्वारा हिट एंड रन का कमाल का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि भाजपा की बदले की राजनीति का पर्दाफाश हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की 12 फरवरी की सिफारिश को बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे से चर्चा के बाद मंजूरी दे दी। इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी गई है। बुधवार को जस्टिस मुरलीधर की पीठ ने दिल्ली हिंसा मामले में पुलिस को फटकार लगाते हुए तीन भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर के लिए कहा था।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते कॉलेजियम द्वारा जस्टिस मुरलीधर के तबादले की सिफारिश होने पर दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोएिसशन के वकीलों ने नाराजगी जताई थी। जस्टिस मुरलीधर को 2006 में दिल्ली हाईकोर्ट बतौर जज नियुक्त किया गया था। वह 2023 में सेवानिवृत्त होंगे।