ब्रेकिंग स्क्राल
Home / अंतर्राष्ट्रीय / मतदाताओं को लेकर जा रही बसों पर बंदूकधारियों ने चलाई गोलियां : श्रीलंका

मतदाताओं को लेकर जा रही बसों पर बंदूकधारियों ने चलाई गोलियां : श्रीलंका

श्रीलंका में शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है और परिणाम 17 नवंबर को जारी किया जाएगा। करीब 1.6 करोड़ लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इसमें रिकॉर्ड 35 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। श्रीलंका के चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए 60,000 से अधिक पुलिस कर्मियों की तैनाती की है।

श्रीलंका में 50 प्रतिशत से एक वोट ज्यादा पाने वाले उम्मीदवार देश के आठवें राष्ट्रपति बन जाएंगे। लगभग दो फूट लंबे बैलेट पेपर पर 35 उम्मीदवारों के नाम और चिह्न होंगे। कार्यकारी राष्ट्रपति व्यवस्था जब 1970 के दशक में लागू हुई थी। उसके बाद यह उम्मीदवारों की सर्वाधिक संख्या है। पिछले चुनाव में सिर्फ 19 प्रत्याशी मैदान में थे। राष्ट्रपति चुनाव के दो मुख्य उम्मीदवार प्रेमदासा और गोटाबाया हैं। माना जा रहा है कि मुख्य लड़ाई यूनाइटेड नेशनल पार्टी के सजित प्रेमदासा और श्रीलंका पोडुजाना पेरामुना पार्टी (एसएलपीपी) के गोटाबाया राजपक्षे के बीच है। गोटाबाया राजपक्षे देश के रक्षा मंत्री रह चुके हैं, जबकि सजित प्रेमदासा कैबिनेट मंत्री रहे हैं।

कौन हैं गोटाबाया 
राष्ट्रवादी पार्टी श्रीलंका पोडुजाना पेरमुना (एसएलपीपी) के उम्मीदवार गोटाबाया सेवानिवृत्त 70 वर्षीय सैनिक हैं। उन्होंने उस समय श्रीलंका के रक्षा विभाग का कार्यभार संभाला था, जब उनके बड़े भाई महिंद्रा राजपक्षे राष्ट्रपति (2005-2015) थे। वह 1971 में श्रीलंकाई सेना में शामिल हुए थे। वह एक ऐसे परिवार का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसे आबादी के एक वर्ग द्वारा हीरो के तौर पर देखा जाता है। जो लिट्टे के साथ लगभग तीन दशक लंबे युद्ध को समाप्त करने में कामयाब रहे। सिंहली लोगों के लिए राजपक्षे की छवि किसी अवतार से कम नहीं है।

कौन हैं सजित प्रेमदासा
यूनाइटेड नेशनल पार्टी के उम्मीदवार सजित प्रेमदासा हैं। वह श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा के  बेटे हैं। उन्होंने 1993 में अपने पिता की हत्या के बाद श्रीलंका की राजनीति में प्रवेश किया। अपने पिता की पार्टी यूनाइटेड नेशनल पार्टी में शामिल होने के बाद उन्हें 1994 में हंबनटोटा का जिला आयोजक नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने गरीबी उन्मूलन और आवास विकास के लिए कई परियोजनाएं चलाईं। वह बहुसंख्यक-अल्पसंख्यक के वोटों के बल पर चुनाव जीतने का भरोसा कर रहे हैं। श्रीलंका में इनकी

भारत और चीन पर असर 
इस चुनाव का श्रीलंका के भारत और चीन के साथ रिश्तों पर भी असर पड़ेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक दस साल से अधिक समय से चीन श्रीलंका को वित्तीय रूप से मदद कर रहा है। अब उसने श्रीलंका के दक्षिण पश्चिमी तट के पास अम्बाथोट्टाई में महिंदा राजपक्षे बंदरगाह को अपने नियंत्रण में ले लिया है। वहीं, भारत ने कोलंबो बंदरगाह में ईस्टर्न कंटेनर टर्मिनल बनाने को लेकर श्रीलंका के साथ एक समझौता किया है, लेकिन इस तरह की बहुत कम ही परियोजनाओं पर श्रीलंका ने अपनी रुचि जाहिर की है।

About The Achiever Times

Check Also

बांग्लादेश के स्कूल में भी लगा बुर्के पर प्रतिबंध

कर्नाटक की तर्ज पर बांग्लादेश के नोआखाली के सेनबाग उपजिले में एक स्कूल के क्लासरूम …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *