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दिल्ली में प्रदूषण बरकरार

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए चार नवंबर से ऑर्ड-ईवन शुरू किया गया था और 15 नवंबर को वो खत्म हो गया है। लेकिन दिल्ली की हवा में कोई सुधार नहीं आया है। दिल्ली की हवा लगातार पांचवे दिन भी गंभीर श्रेणी में रही। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऑर्ड-ईवन को आगे बढ़ाने के सवाल पर कहा कि अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले दो दिनों में प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद है, इसलिए हम सोमवार तक इंतजार करेंगे। उसके बाद प्रदूषण स्तर को देखते हुए आगे फैसला लिया जाएगा। इस वजह से इसे बढ़ाने पर फैसला सोमवार को किया जाएगा। मौसम विभाग का अनुमान है कि शनिवार से हवा की रफ्तार में बढ़ोतरी होने से वायु गुणवत्ता में सुधार होगा। हालांकि, हवा में घुले प्रदूषक कणों के पूरी तरह से साफ होने में अभी दो दिन का समय लग सकता है।

शनिवार सुबह वायु प्रदूषण सूचकांक के अनुसार, दिल्ली के लोधी रोड क्षेत्र में प्रमुख प्रदूषक पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों 500 (गंभीर श्रेणी) में हैं। वहीं दिल्ली में कई जगह स्मॉग का कहर जारी है। वज़ीरपुर पर एयर क्वालिटी 437 और मुंडका में 458 पर है। दोनों जगह वायु गुणवत्ता सूचकांक पर ‘गंभीर’ श्रेणी में है।

दिल्ली के मौसम का हाल
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, शुक्रवार को औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 458 अंक पर रहा। वहीं, गुरुवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 463, बुधवार को 456 और मंगलवार को 425 अंक पर रहा था। वहीं, हवा में प्रदूषक कणों की मौजूदगी अभी भी पांच गुना ज्यादा है। शाम 5 बजे हवा में प्रदूषक कण पीएम 10 की मात्रा 526 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 2.5 की मात्रा 379 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही। मानकों के अनुसार, हवा में पीएम 10 कणों की मात्रा 100 और पीएम 2.5 कणों की मात्रा 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

बादल छुपा रहे पराली जलाने की घटनाएं

दिल्ली की हवा में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी लगातार घट रही है। केन्द्र द्वारा संचालित संस्था सफर के मुताबिक, शुक्रवार को घटकर इसके दो फीसदी तक होने का अनुमान है। हालांकि, इस क्षेत्र में बादल छाए हुए हैं। इस कारण से उपग्रह से भी पराली जलाने की घटनाओं का निश्चित पता नहीं चल रहा है।

हवा की रफ्तार में बढ़ोतरी के आसार
दिल्ली में शुक्रवार को दस किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति से हवाएं चलीं। प्रादेशिक मौसम अनुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि शनिवार से हवा की रफ्तार में और बढ़ोतरी होगी। इस दौरान 20 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। वहीं, रविवार को हवा की रफ्तार 25 किमी. प्रति घंटे तक रह सकती है।

नवंबर में एक भी दिन हवा साफ नहीं रही 

नवंबर का पहला पखवाड़ा दिल्ली वालों के लिए किसी बुरे सपने से कम साबित नहीं हुआ। महीने के शुरुआती 15 दिनों में से एक भी दिन हवा साफ नहीं रही। इस महीने सात दिन औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में रहा, जबकि छह दिन हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रही।

राजधानी के लोग इस साल के सबसे ज्यादा प्रदूषित दिनों में सांस ले रहे हैं। बीते कई वर्षों की तुलना में इस बार मानसून का सीजन प्रदूषण के लिहाज से दिल्ली के लिए बेहद अच्छा साबित हुआ था। इस दौरान करीब तीन महीनों तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार 200 अंक से नीचे बना रहा, मगर दिवाली के बाद से ही हवा का मिजाज बिगड़ गया। खासतौर पर नवंबर के पहले पखवाड़े में तो लोगों को लगातार दमघोंटू हवा में सांस लेनी पड़ी है। इस दौरान सिर्फ दो दिन ऐसे रहे, जब हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में रही, बाकी दिनों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब और गंभीर श्रेणी में ही रहा।

एक्यूआई सबसे ज्यादा 3 नवंबर का दिन सबसे ज्यादा दम घोंटने वाला रहा। इस दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक 494 तक पहुंच गया, जो कि वर्ष 2016 के नवंबर महीने के बाद सबसे ज्यादा है।

तारीख       एक्यूआई        श्रेणी 
1 नवंबर       484          गंभीर
2 नवंबर       399          बेहद खराब
3 नवंबर       494          गंभीर
4 नवंबर       407          गंभीर
5 नवंबर       324          बेहद खराब
6 नवंबर       214           खराब
7 नवंबर       309           बेहद खराब
8 नवंबर       330           बेहद खराब
9 नवंबर       283           खराब
10 नवंबर      321            बेहद खराब
11 नवंबर      360            बेहद खराब
12 नवंबर      425            गंभीर
13 नवंबर      456            गंभीर
14 नवंबर      463            गंभीर
15 नवंबर      458            गंभीर

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