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बिजली गिरने से बढ़ रहे हैं हादसे, 164 लोगों की मौत हो चुकी हैं

उत्तर प्रदेश में आंधी-पानी के दौरान आकाशीय बिजली गिरने  (वज्रपात) से होने वाले हादसों में हाल के महीनों में खासी बढ़ोत्तरी हुई है। इन बढ़ते हादसों ने उत्तर प्रदेश सरकार की चिन्ता भी बढ़ा दी है। प्रदेश के राहत आयुक्त जी.एस.प्रियदर्शी द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार मई से 23 जुलाई तक प्रदेश में आकाशीय बिजली गिरने से कुल 164 लोगों की मौत हो चुकी हैं।

इनमें सबसे ज्यादा 12 मौतें फतेहपुर में हुई हैं। कानपुर नगर में 10, देवरिया ओर सोनभद्र  में 9-9 ,झांसी, सुल्तानपुर, कानपुर देहात, हरदोई, मिर्जापुर में 5-5,गाजीपुर, जौनपुर, सीतापुर, हमीरपुर में 4-4, बलिया, बांदा, बाराबंकी, अमेठी, गोरखपुर, लखीमपुर खीरी में 2-2 और वाराणसी, मेरठ, उन्नाव, इटावा, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, हाथरस, मथुरा, फिरोजाबाद व आगरा में 1-1 मौत हो चुकी है।

क्यों होता है वज्रपात
राहत आयुक्त की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार आसमान में विपरीत ऊर्जा (अपोजिट एनर्जी) के बादल हवा में उमड़ते और घुमड़ते रहते हैं। यह विपरीत दिशा में जाते हुए टकराते हैं। इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है जो धरती पर गिरती है।

आसमान में किसी तरह का कंडक्टर न होने से बिजली पृथ्वी पर कंडक्टर की तलाश में पहुंच जाती है। धरती पर पहुंचने के बाद बिजली को कंडक्टर की जरूरत पड़ती है। आकाशीय बिजली जब लोहे के खंभों के अगल-बगल से गुजरती है तो वह कंडक्टर का काम करता है। उस वक्त अगर कोई व्यक्ति उसके सम्पर्क में आ जाता है तो उसकी जान तक जा सकती है। आकाशीय बिजली गिरने का असर मानव शरीर पर कई गुना होता है। शरीर ज्यादा जल जाने की वजह से टिशूज को नुकसान पहुंचता है और उनको आसानी से ठीक नहीं किया जा सकता है। आकाशीय बिजली का असर नर्वस सिस्टम पर भी पड़ता है, दिल का दौरा भी पड़ सकता है। इसके असर से शारीरिक अपंगता भी हो सकती है।

क्या करें और क्या न करें
-आसमान में अंधेरा छा जाए और तेज हवा हो तो सतर्क हो जाएं।
-अगर गड़गड़ाहट सुनें तो समझ लें कि वज्रपात होने वाला है।
-जब तक बहुत जरूरी न हो बारिश और आंधी के दौरान बाहर खुले में न निकलें।
-बारिश और आंधी के दौरान पेड़ के नीचे कतई न ठहरें। लम्बे पेड़ आकाशीय बिजली को आकर्षित करते हैं।
-पालतु जानवर गाय, भैंस, बकरी आदि बारिश से बचने के लिए पेड़ के नीचे आ जाते हैं, वज्रपात में इन पशुओं को ज्यादा खतरा होता है।
-बारिश व आकाश में बिजली चमकने के दौरान स्नान न करें और बहते पानी से दूर रहें क्योंकि आकाशीय बिजली धातु के पाइप के साथ भी आ सकती है।
-बिजली उपकरणों का इस्तेमाल करने से बचें।
-अगर साइकिल, मोटर साइकिल, कार या ट्रैक्टर चला रहे हैं तो तत्काल नीचे उतरें, यह आकाशीय बिजली को आकर्षित कर सकते हैं।

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