लोकसभा चुनाव में शानदार जीत और मुजफ्फरनगर सीट पर दंगे में हिंसा प्रभावित गांवों में भाजपा को समर्थन मिलने के बाद प्रदेश की योगी सरकार ने गुपचुप तरीके से तीन शासनादेश जारी कर दंगे के बीस मामले कोर्ट से वापस लिए जाने की अनुमति जिला प्रशासन को दे दी है।
इन्हें मिलाकर शासन अब तक दंगे के 68 मामले वापस लेने की अनुमति दे चुका है। मुजफ्फरनगर में अगस्त 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगे के छह साल बाद भी दंगे के मामले को लेकर राजनीति जारी है। लोकसभा चुनावों में बुढ़ाना विधानसभा के दंगा प्रभावित फुगाना थाना क्षेत्र के गांवों में भाजपा को मिले समर्थन के बाद भाजपा विधायक उमेश मलिक प्रदेश सरकार से दंगों के मुकदमे वापस कराने के लिए सक्रिय हो गए थे।
अब उनके लगातार पैरवी करने के बाद आखिरकार प्रदेश सरकार ने अपनी 2022 की तैयारियों के मद्देनजर दंगे के मुकदमे वापस लेने की प्रक्रिया चुनाव परिणाम के बाद भी जारी रखी। तीन शासनादेशों से बीस मुकदमों को वापस लेने की अनुमति दी गई है।