प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा संसदीय दल की बैठक में मंत्रियों पर सख्त नजर आए। प्रधानमंत्री ने संसद में रोस्टर ड्यूटी में अनुपस्थित रहने वाले मंत्रियों की शाम तक जानकारी मांगी है। उन्होंने जोर दिया कि सांसदों और मंत्रियों को संसद में रहना चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि मोदी ने बैठक में कहा कि जो मंत्री रोस्टर ड्यूटी में उपस्थित नहीं रहते, उनके बारे में उन्हें बताया जाए। प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि वे सरकारी काम और योजनाओं में बढ़ चढ़ कर भाग लें, सामाजिक कार्यों में हिस्सा लें और जब संसद सत्र चल रहा हो तो सदन में उपस्थित रहें। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली बार जो प्रभाव पड़ता है, उसका असर अंत तक बना रहता है। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सामने जल संकट है और इसके हल के लिए सांसदों को काम करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि सांसदों को अपने इलाके के अधिकारियों के साथ बैठक कर जनता की समस्याओं के बारे में बात करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सांसदों को अपने-अपने क्षेत्र में जाकर सरकार की योजनाओं
के बारे में जनता को बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहली बार जो प्रभाव
पड़ता है, उसका असर अंत तक बना रहता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीति से
हटकर भी सांसदों को काम करना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सांसद अपने
संसदीय क्षेत्र के लिए कोई एक नया काम करें। जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम
करें और राजनीति के साथ साथ सामाजिक काम करें।
उन्होंने कहा कि सांसद अपने क्षेत्र में जानवरों की बीमारियों पर भी काम
करें। टीबी, कुष्ठ रोग जैसे बीमारियों पर मिशन मोड में काम करें। यह बैठक
मंगलवार को संसद के पुस्तकालय भवन में हुई। जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने की। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री
और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा
मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी आदि मौजूद थे।
गौरतलब है कि पिछले मंगलवार को हुई संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री
मोदी ने सभी सांसदों को 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) से लेकर 31 अक्तूबर (सरदार
पटेल जयंती) तक अपने-अपने क्षेत्र में 150 किलो मीटर पदयात्रा निकालने का
निर्देश दिया था।