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रोहिणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर. मलिक की अदालत ने इस बाबत पीड़िता के बयान दर्ज कर लिए हैं। पीड़िता ने अदालत में कहा कि वह आरोपी की जमानत रद्द करने की अपनी याचिका को वापस लेना चाहती है। पीड़िता का कहना है कि उसके मुद्दे सुलझ चुके हैं। अदालत ने पीड़िता के बयानों के आधार पर उसकी याचिका को खारिज कर दिया है। साथ ही आरोपी को मौका दिया है कि अगर वह चाहे तो जमानत के लिए आवेदन कर सकता है।
पेश मामले में पीड़िता ने पूर्व में कहा था कि उसे आरोपी से खतरा है। जमानत पाने के बाद वह उसे धमका रहा है। वह एक ही इलाके में रहते हैं। ऐसे में उसे हर समय आरोपी से जान-माल का खतरा बना रहता है, लेकिन अब पीड़िता का कहना है कि उसे आरोपी से कोई भय नहीं है। इसलिए वह अपनी याचिका को वापस लेना चाहती है।
अदालत ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए और पीड़िता के बयानों को ध्यान में रखते हुए मामले का निपटारा कर दिया है। साथ ही पीड़िता के बयानों को अलग से दर्ज करने के निर्देश दिया हैं।
संवाददाता रचना
द अचीवर टाइम्स लखनऊ