पेंशन के रूप में आजम खान को हर महीने 20 हजार रुपये मिल रहे थे. गौरतलब है कि इमरजेंसी के दौरान जेल गए नेताओं को लोकतंत्र सेनानी का दर्जा देते हुए पेंशन की शुरुआत की गई है। विभिन्न आपराधिक मुकदमों में फंसे समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से सांसद आज़म खान को सूबे की योगी सरकार ने एक और झटका दिया है. सरकार ने आजम खान को मिलने वाली लोकतंत्र सेनानी पेंशन को रोक दिया है. बता दें कि पेंशन के रूप में आजम खान को हर महीने 20 हजार रुपये मिल रहे थे. गौरतलब है कि आपातकाल के दौरान जेल गए नेताओं को ‘लोकतंत्र सेनानी’ का दर्जा देकर उन्हें मासिक पेंशन दी जाती है।
साल 2005 में तत्कालीन मुलायम सरकार ने आजम खान को लोकतंत्र सेनानी घोषित करते हुए पेंशन दी थी. शुरुआत में पेंशन की राशि 500 रुपये थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दिया गया था. कहा जा रहा है कि कई मुकदमों में आरोपी होने की वजह से सरकार ने पेंशन रोकी है।
योजना के शुरु होने के साथ ही मिल रही थी पेंशन….
गौरतलब है कि जिस वक्त देश में इमरजेंसी लगाई गई थी, उस वक्त आज़म खान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्र संघ से जुड़े थे और जेल गए थे. जिस वक्त लोकतंत्र सेनानी पेंशन की शुरुआत हुई तभी से आजम खान को इस पेंशन का लाभ मिल रहा था. बुधवार को जब रामपुर जिले के लोकतंत्र सेनानियों की लिस्ट जारी की गई तो उसमें 35 नाम थे, जिसमें आजम खान का नाम शामिल नहीं था. इससे पहले रामपुर जिले में 37 लोगों को यह पेंशन दी जा रही थी।
नई लिस्ट में 35 नाम
रामपुर के डीएम आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि जहां तक उनके पास जानकारी है आजम खान के खिलाफ दर्ज मुकदमों की वजह से उनकी पेंशन रोकी गई है. इससे पहले शासन स्तर से इस संबंध में जानकारी मांगी गई थी. लोकतंत्र सेनानी पेंशन की नई लिस्ट में रामपुर से 35 लोगों के नाम हैं, जबकि पहले इनकी संख्या 37 थी।
द अचीवर टाइम्स लखनऊ