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इमरान सरकार के खिलाफ हुए सरकारी कर्मचारी, मिली आंसू गैस और लाठी…

पाकिस्तान पर पिछले दो साल में बढ़ा बेहिसाब कर्ज सरकारी कर्मचारी मांग रहे है, 24 के बजाय 40 फीसदी वेतन वृद्धिधरना-प्रदर्शन कर रहे मुलाजिमों पर बरसाए आंसू गैस और लाठियां |
पाकिस्तान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कर्ज के मकड़जाल में बुरी तरह उलझे नए पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान  के लिए बाहरी मोर्चों पर तो बेहिसाब चुनौतियां हैं ही, अब वह घर में भी चारोतरफ से घिर गए हैं। महंगाई से आवाम परेशान है। इस कड़ी में इस्लामाबाद में वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन पर उतरे सरकारी कर्मचारियों की पुलिस के साथ झड़प हो गई। इससे झुलाये प्रशासन ने निहत्थे सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ आतंकवादी विरोधी दस्ते को उतार दिया। नतीजा सुरक्षा बलों ने न सिर्फ आंसू गैंस के गोले दागे, बल्कि कर्मचारियों पर लाठी भी बरसाई किसी भी तरह के विरोध को कुचलने का मंत्र जानने वाली पाकिस्तान सरकार को हालांकि इस बार गहरा झटका लगा है।
24 के बजाय 40 फीसदी मांग रहे वेतन वृद्धि
जानकारी के मुताबिक सड़कों पर उतरे हजारों सरकारी कर्मचारियों ने इस्लामाबाद में कांस्टिट्यूशन एवेन्यू सहित सचिवालय ब्लॉक और कैबिनेट ब्लॉक के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया। स्थिति तब बेकाबू हो गई जब आकृष्ट कर्मचारी शहर के अत्यधिक प्रतिबंधित ‘रेड जोन’ क्षेत्र में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे। यह देख सुरक्षा बलों ने पहले तो आंसू गैस के गोले दागे. हालात नियंत्रण में नहीं आते देख बाद में उन पर लाठीचार्ज कर दिया गया। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक संघीय कर्मचारी सरकार के 24 प्रतिशत बढ़ोतरी के बजाय वेतन में 40 प्रतिशत वृद्धि की मांग कर रहे हैं। कर्मचारियों के विरोध के कारण पुलिस ने कंटेनर के साथ शहर के श्रीनगर राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया है। दर्जनों प्रदर्शनकारियों को भी गिरफ्तार किया गया है।
पंजाब-बलूचिस्तान के कर्मचारी भी शामिल हो गए।
कर्मचारियों के इस्लामाबाद की सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को इमरान सरकार ने देश की सुरक्षा से जोड़ दिया है। सूचना मंत्री शिबली फराज ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान रेड जोन की सुरक्षा और कर्मचारियों के आंदोलन पर बहुत चिंतित हैं। उन्होंने दावा किया कि इमरान खान ने संबंधित मंत्रालयों को कर्मचारियों के मुद्दों को तुरंत हल करने का निर्देश दिया है। जानकारी के मुताबिक इस आंदोलन में पंजाब और बलूचिस्तान के सरकारी कर्मचारी भी शामिल हुए। बाद में प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन की ओर मार्च शुरू किया, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागते हुए लाठियां बरसाई।

हर पाकिस्तानी गले तक कर्ज में डूबा हुआ है

जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान सरकार चाहकर भी अभी कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ा सकती है। आर्थिक रूप से कंगाल हो चुके पाकिस्तान इस समय ऐसी स्थिति में नहीं है। कि वह फिर से हजारों करोड़ रुपये कर्मचारियों के वेतन पर अतिरिक्त खर्च कर सके। पाकिस्तान का कुल रोजकोषीय घाटा जीडीपी का 8.6 फीसदी तक पहुंच गया है। ऐसी स्थिति में इमरान सरकार इस घाटे को और बढ़ाने नहीं देना चाहती है। हर पाकिस्तानी के ऊपर अब 1 लाख 75 हजार रुपये का कर्ज है। इसमें इमरान खान की सरकार का योगदान 54901 रुपये है। जो कर्ज की कुल राशि का 46 फीसदी हिस्सा है। कर्ज का यह बोझ पाकिस्तानियों के ऊपर पिछले दो साल में बढ़ा है। यानी जब इमरान ने पाकिस्तान की सत्ता संभाली थी। तब देश के हर नागरिक के ऊपर 120099 रुपये का कर्ज था।
रचना
द अचीवर टाइम्स लखनऊ

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