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राज्यसभा से रिटायर हो रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। गुलाम नबी आजाद का संसद में चार दशक से भी अधिक लंबे राजनीतिक करियर का सोमवार को अंत हो रहा है। बीते दिनों राज्यसभा में जिस तरह के घटनाक्रम देखने को मिले हैं, उससे ऐसी अटकलें हैं कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
मगर गुलाम नबी आजाद ने सवालों का जवाब दिया है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके कैसे संबंध हैं? इसको भी विस्तार रूप से बताया है, तो चलिए जानते हैं गुलाम नबी आजाद के इंटरव्यू का संपादित अंश।
भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलों पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैं भाजपा में तब शामिल होऊंगा, जब हमारे पास कश्मीर में काली बर्फ पड़ेगी। भाजपा ही क्यों, उस दिन मैं किसी अन्य पार्टी में भी शामिल हो जाऊंगा। जो लोग अफवाहों को फैलाते हैं, वे मुझे नहीं जानते हैं।
जब राजमाता सिंधिया विपक्ष की उपनेता थीं, तो उन्होंने खड़े होकर मेरे बारे में कुछ आरोप लगाए। मैं उठ गया और मैंने कहा कि मैं आरोप को बहुत गंभीरता से लेता हूं और सरकार की ओर से मैं एक समिति का सुझाव देना चाहूंगा। जिसकी अध्यक्षता अटल बिहारी वाजपेयी करेंगे, और उसमें राजमाता सिंधिया और लालकृष्ण आडवाणी सदस्य होंगे।
मैंने कहा है कि उन्हें 15 दिनों में रिपोर्ट पूरी करनी चाहिए और वे जो भी सजा का सुझाव देंगे, मैं उसे स्वीकार करूंगा। अपना नाम सुनते ही वाजपेयी जी मेरे पास आए और पूछा कि ऐसा क्यों? जब मैंने उनसे कहा तो उन्होंने खड़े होकर कहा- मैं सदन और गुलाम नबी आजाद से क्षमा मांगना चाहता हूं। शायद राजमाता सिंधिया उन्हें (आजाद) नहीं जानती, लेकिन मैं जानता हूंँ।
पत्रकार रिचा निगम
द अचीवर टाइम्स लखनऊ