लखनऊ. सभी परिषदीय स्कूलों के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से नया आज्ञा पत्र आया है। इसके मुताबिक यहां हर विद्यार्थी को बिना किसी भेद-भाव के रोजाना 15 से 20 मिनट तक साफ-सफाई करनी होगी। इस कार्यक्रम में शिक्षक भी अपना योगदान करेंगे। आदेश के अनुसार कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों को साफ-सफाई में शामिल नहीं किया जाएगा। दरअसल ये मेरा विद्यालय-स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम के मुताबिक किया जा रहा है। स्कूलों को स्वच्छ और बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए ये योजना लाई गई है।
दरअसल राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भी बच्चों को उनके मौलिक अधिकार, नागरिकता कौशल, जल एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुकता, स्वच्छता, जलवायु परिवर्तन और अपशिष्ट प्रबंधन की जानकारी देने की शर्त रख दी है। बेसिक शिक्षा विभाग का मानना है, कि विद्यालय की साफ-सफाई केवल एक ही व्यक्ति का कार्य नहीं है। बल्कि विद्यार्थियों, शिक्षकों और समुदाय का भी नैतिक दायित्व है। मेरा विद्यालय-स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम के तहत आयोजन मेरा विद्यालय-स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम के तहत काम करके सीखना, कार्य करने से पहले सोचें, करने के लिए सूची, कैसे और किस प्रकार की सामग्री का उपयोग करने के लिए सीखना, प्रशिक्षण और सह-प्रबंधन और स्वच्छता को पवित्रता पर्व के रूप में आयोजित करने की छह सूत्रीय रणनीति बनाई गई है। इसके मुताबिक हर छात्र को अपने स्कूल की स्वच्छता गतिविधि में शामिल होना होगा। शिक्षक सुनिश्चित करेंगे कि सभी विद्यार्थी हर गतिविधि में निपुण हों। यही नहीं शिक्षक केवल विद्यार्थियों को साफ-सफाई का अभ्यास करने के लिए प्रेरित ही नहीं करेंगे बल्कि खुद भी साफ-सफाई करेंगे।
पत्रकार प्रकाश जोशी
द अचीवर टाइम्स लखनऊ