मंगलवार को पीएम मोदी ने राज्यसभा में सांसदों की विदाई के मौके पर संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि गुलाम नबी जी जब मुख्यमंत्री थे, तो मैं भी एक राज्य का मुख्यमंत्री था। हमारी बहुत गहरी निकटता रही। एक बार गुजरात के कुछ यात्रियों पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया, 8 लोग उसमें मारे गए। सबसे पहले गुलाम नबी जी का मुझे फोन आया, उनके आंसू रुक नहीं रहे थे।
पीएम ने कहा कि श्रीमान गुलाम नबी आजाद जी, श्रीमान शमशेर सिंह जी, मीर मोहम्मद फैयाज जी, नादिर अहमद जी मैं आप चारों महानुभावों को इस सदन की शोभा बढ़ाने के लिए, आपके अनुभव, आपके ज्ञान का सदन को और देश को लाभ देने के लिए और अपने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान के लिए आपके योगदान का धन्यवाद करता हूं।
पीएम ने कहा कि मैं अपने अनुभवों और स्थितियों के आधार पर गुलाम नबी आजाद जी का सम्मान करता हूं। मुझे यकीन है कि उनकी दया, शांति और राष्ट्र के लिए प्रदर्शन करने का अभियान उन्हें हमेशा चलता रहेगा।
पीएम ने कहा कि मुझे चिंता इस बात की है कि गुलाम नबी जी के बाद जो भी इस पद को संभालेंगे, उनको गुलाम नबी जी से मैच करने में बहुत दिक्कत पड़ेगी। क्योंकि गुलाम नबी जी अपने दल की चिंता करते थे, लेकिन देश और सदन की भी उतनी ही चिंता करते थे।
पत्रकार सुष्मिता गौड़
द अचीवर टाइम्स लखनऊ