सर्वेक्षण के अनुसार प्रदेश में सबसे ज्यादा किन्नरों की तादात आगरा मंडल में 14915 है। बनारस मण्डल में 12620, मुरादाबाद मंडल में 9790 है। साथ ही प्रयागराज मंडल में 8808 किन्नर हैं। यह आंकड़े प्रदेश के 20 जिलों में 293 किन्नरों से संपर्क करके हासिल किया गया। यह सर्वेक्षण रिपोर्ट अबुल कलाम जन सेवा संस्थान के सचिव नाजिम अंसारी और नई दिल्ली की संस्था इंडो ग्लोबल सोशल सोसायटी की ओर से किया गया।
प्रदेश में सबसे ज्यादा किन्नर हिन्दू धर्म में
सर्वेक्षण के अनुसार यदि धार्मिक आधार पर देखें तो किन्नरों की संख्या 74 प्रतिशत हिन्दू धर्म में, 25 प्रतिशत मुस्लिम और एक प्रतिशत सिख धर्म में है। 27 प्रतिशत किन्नर कक्षा एक से 9 तक, 4 प्रतिशत 10 वीं तक, 3 प्रतिशत 12 वीं और 2 प्रतिशत स्नातक हैं। सर्वेक्षण के अनुसार 3-10 साल की उम्र में 29 प्रतिशत किन्नर, 11-15 की उम्र में 40 प्रतिशत और 16-22 की उम्र में 30 प्रतिशत किन्नर घर छोड़ देते हैं। सर्वेक्षण के मुताबिक 57 प्रतिशत लोग किन्नरों को बुरे नामों से बुलाते हैं। 64 प्रतिशत पुलिस के लोग परेशान करते हैं। नाजिम अंसारी, सचिव अबुल कलाम आजाद जनसेवा संस्थान कहते हैं कि किन्नरों की स्थिति-परिस्थिति को समाज और सरकार के संज्ञान में लाने के लिए एक दशक से निरंतर प्रयास चल रहा है। किन्नरों के जीवन में खुशहाली आए, इसके लिए किन्नर वेलफेयर बोर्ड बनाने के मांग की गई है।