लखनऊ। एरा लखनऊ मेडिकल कालेज ने इसी सप्ताह कोरोना वायरस से संक्रमित दो गंभीर मरीजों को वेंटीलेटर से बाहर करते हुए उन्हें स्वस्थ कर अस्पताल से छुटटी दी है। यह दोनों मरीज कोरोना के साथ साथ अन्य बीमारियों से भी ग्रसित थे, इन्हें काफी गंभीर अवस्था में एरा अस्पताल लाया गया था। एरा के डाक्टरों की कड़ी मेहनत सफल हुई और दोनों मरीजों को स्वस्थ कर वापस उनके परिवार के हवाले किया गया। दोनों ने परिवार के साथ नये साल का जश्न मनाया। एरा मेडिकल कॉलेज ने अबतक कोरोना से संक्रमित दर्जनों गंभीर मरीजों को वेंटीलेटर से बाहर लाकर स्वस्थ कर डिस्चार्ज किया है।
एरा लखनऊ मेडिकल कालेज के क्रिटिकल केयर यूनिट के एचओडी डाक्टर मुस्तहसिन मलिक ने बताया कि 35 वर्ष के राज कुमार को 21 दिसम्बर को लखनऊ मेदांता से एरा अस्पताल लाया गया था, उन्हें वेंटीलेटर पर ही लाया गया था, वह काफी गंभीर थे, निमोनिया से जकड़े हुए थे, ब्लड प्रेशर भी कम था। जिसकी पहले से दवाई चल रही थी।हमारी टीम ने उनका उपचार शुरू किया और मात्र तीन दिन में 23 दिसम्बर को हालत सुधरने पर उन्हें वेंटीलेर से बाहर (एक्सटूबेट) कर दिया गया। 24 दिसम्बर से उन्होंने खाना पीना भी शुरू कर दिया। उनकी हालत में लगातार सुधार होता रहा। उनका स्वास्थ्य स्थिर होने और कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें 31 दिसम्बर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी।
उन्होंने बताया कि इसी तरह 40 वर्ष के फारूख अली को कोरोना संक्रमित होने बाद गंभीर अवस्था में एरा में 15 दिसम्बर को भर्ती कराया गया था। वह ब्लड प्रेशर, शूगर और स्कोलियोसिस से पहले से ग्रसित थे।
स्कोलियोसिस के कारण वे सीधे बेड पर लेट भी नहीं सकते थे। जब वो अस्पातल आये तो उनका अक्सीजन लेवल काफी कम था, जो लगातार गिर रहा था, उन्हें तत्काल आईसीयू में भर्ती किया गया। उनके फेफड़ों को निमोनिया ने बूरी तरह जकड़ा हुआ था, आक्सीजन के स्तर में सुधार न होने के वजह से उनका स्वास्थ गिरता गया अन्त में उन्हें वेंटीलेटर पर रखने का फैसला लिया गया। 16 दिसम्बर को उन्हें वेंटीलेटर स्पोट पर रखा गया। डाक्टरों की टीम की काफी मेहनत के बाद उनमे कुछ सुधार दिखायी दिया। सुधार होने पर 18 दिसम्बर को उन्हें वेंटीलेर से बाहर(एक्सटूबेट) कर दिया गया। इसके बाद उनकी हालत में लगातार सुधार होता रहा और 29 दिसम्बर को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। डाक्टर मुस्तहसिन मलिक ने बताया कि अब दोनों मरीज कोरोना संक्रमण के खतरे से बाहर है, जिन्हें डिस्चार्ज किया जा चुका है।
फारूख अली के परिजनों का कहना है कि उनकी दो छोटी बेटियां हैं, जो बिना पिता के खाना नहीं खाती थी, जब से फारुख अस्पताल गये है बेटियों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया था। जब फरुख की हालत में कुछ सुधार हुआ और उन्हें अस्पताल से फोन पर बेटियों से बात की जब बच्चियों ने खाना पीना शुरू किया। जब से फारुख स्वस्थ होकर घर लौटे है, परिवार में जश्न का माहौल है।