पिछले 1 महीने से भी ज्यादा समय से दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर जारी है किसानों का आंदोलन इस बीच शनिवार सुबह एक दुखद खबर आई।
यहां आंदोलन के बीच एक अधेड़ किसान ने धरना-प्रदर्शन स्थल के पास लगे शौचालय में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किसान द्वारा आत्महत्या किए जाने पर दुख जाहिर किया है। राकेश टिकैत का कहना है कि किसान इस आंदोलन से भावनात्मक रूप से जुड़ चुका है। सरकार सुन नहीं रही है। यही कारण है कि इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किसान द्वारा आत्महत्या किए जाने पर दुख जाहिर किया है। राकेश टिकैत का कहना है कि किसान इस आंदोलन से भावनात्मक रूप से जुड़ चुका है। सरकार सुन नहीं रही है। यही कारण है कि इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं।
राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की अगर यही स्थिति रही तो इस सरकार को किसान धरती में मिला देगा।
आंदोलन जारी रहेगा
मृतक किसान की जेब से एक सुसाइड नोट भी मिला है।
मृतक किसान पशियापुर के रहने वाला था।
अभी और जानकारी नहीं हो सकी है। राकेश टिकैत इस मामले में बेहद गंभीर नजर आए। उन्होंने फिर दोहराया कि जब तक यह कृषि कानून वापस नहीं होंगे, किसानों का आंदोलन यूं ही बदस्तूर जारी रहेगा.आपको बता दें कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक महीने से अधिक समय से पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान दिल्ली में धरना दे रहे हैं।
भीषण ठंड के बावजूद ये किसान अपनी मांगों के समर्थन में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान हरियाणा और पंजाब के कई किसानों की हार्ट अटैक या अन्य वजहों से मौत हो चुकी है।
संवाददाता संजय जोहरी
द अचीवर टाइम्स लखनऊ