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सफाई की निगरानी करने वाली घड़ी पर ग्रहण

लखनऊ, जेएनएन : नगर निगम में निगरानी तंत्र मजबूत करने के लिए सफाई महकमे के कर्मचारियों को घड़ी पहनाई जानी है। लेकिन, सालभर से अधिक समय बीतने के बावजूद घड़ी पहनाने की कवायद सफल नहीं हो पा रही है। जब भी सफाई कर्मचारियों को काम की निगरानी के लिए घड़ी पहनाने की पहल होती है तो ठेकेदारों के पक्ष में कुछ पार्षद खड़े हो जाते हैं और इसका विरोध करने लगते हैं। अब एक बार फिर जब नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने शत प्रतिशत सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी सुनिश्चित कराने के लिए घड़ी पहनाने पर जोर दिया तो कुछ पार्षद नाराज हो गए। पार्षदों ने अपनी नाराजगी महापौर संयुक्ता भाटिया के दरबार में भी दिखाई।
कुछ पार्षद चाहते हैं कि जैसे सफाई का काम चल रहा था, वैसे ही चलता रहे। दरअसल, ठेकेदारी व्यवस्था से रखे गए करीब 63 सौ सफाई कर्मचारियों की तैनाती में बड़ा घालमेल होने के कारण ही शहर में चारों तरफ गंदगी व्याप्त है। नालियां कचरे से भर गई हैं तो सड़कों पर भी नियमित सफाई नहीं हो रही है।

सफाई का अर्थतंत्र

शहर में सफाई के लिए ठेकेदारी का वार्षिक बजट 75 करोड़ से अधिक का है। इतनी बड़ी रकम खर्च होने के बावजूद शहर में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। अधिकांश जगह लोगों को खुद के खर्च पर ही सफाई करानी पड़ती है। कम कर्मचारी लगाकर ठेकेदार पूरा भुगतान कराने में सफल हो जाते हैं। कमीशन की यह रकम कुछ पार्षदों समेत जोनल अधिकारियों संग नगर निगम के अधिकारियों तक के बीच बांटी जाती है। यही कारण है कि ठेकेदारों के पक्ष में नगर निगम के कुछ अधिकारी खड़े हो जाते हैं।

निरीक्षण में गायब मिलते हैं कर्मचारी

शहर के किसी इलाके में अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान भी तैनात संख्या से काफी कम कर्मचारी मिलते हैं। नगर निगम प्रशासन ने सफाई कर्मचारी न मिलने और गंदगी पाए जाने पर ठेकेदारों पर कार्रवाई भी की है। जुर्माना लगाने के साथ ही उनकी फर्म को ब्लैक लिस्टेड भी किया गया है, लेकिन हालात जस के तस हैं।

सफाई कर्मचारियों को घड़ी पहनाने का कुछ ही पार्षद विरोध कर रहे हैं। अधिकतर पार्षद इसके समर्थन में हैं। विरोध करने वाले चाहते हैं कि सफाई की निगरानी का कोई और तरीका अपनाया जाए।

अजय कुमार द्विवेदी, नगर आयुक्त नंबर गेम

6367 सफाईकर्मी तैनात हैं नगर निगम में ठेके पर शहर की सफाई के लिए

किस जोन में कितने सफाईकर्मी (कार्यदायी संस्था)

जोन एक में 539, जोन दो में 574, जोन तीन में 898, जोन चार में 1072, जोन पांच में 582, जोन छह में 994, जोन सात में 616, जोन आठ में 1066, सामुदायिक शौचालयों में 14 कर्मचारी तैनात किए गए हैं।

ऐसे काम करती है घड़ी

घड़ी लगाने वाले सफाईकर्मियों की सुबह छह बजे से दोपहर दो बजे तक यह घड़ी लोकेशन बताती है। मतलब घड़ी पहनकर कर्मचारी अपने वार्ड में प्रवेश करेगा तो पता चल जाएगा कि वह ड्यूटी पर आ गया है और अगर दो बजे से पहले वार्ड के बाहर जाता है तो वह भी पता चल सकेगा।

संवाददाता अंगद मौर्या

 द अचीवर टाइम्स लखनऊ

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