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भारतीय रेलवे ने चीन को दिया जोरदार झटका इस प्रोजेक्ट से किया आउट

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख सीमा पर जारी तनातनी के बीच रेलवे ने चीन को तगड़ा झटका दिया है। रेलवे ने वन्दे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सेट बनाने के लिए करीब 1800 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट में चीन की कंपनी के टेंडर को अयोग्य घोषित कर दिया है। इंटिग्रल कोच फ़ैक्टरी (आईसीएफ) ने वन्दे भारत के 44 ट्रेन सेटों को बनाने का टेंडर जारी किया था।

इस टेंडर में चीन की कंपनी सीआरआरसी ने भारत की पायनियर इलेक्ट्रिक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिल कर एक साझे उद्यम के रूप में बोली लगाई थी। चीनी कंपनी के कंसोर्टियम के बाहर होने से अब केवल दो ही कंपनियां भेल और मेधा सर्वो ड्राइव्स होड़ में रह गई हैं। सूत्रों के मुताबिक मेधा को पहले ऐसी दो ट्रेन सेट के निर्माण का ठेका मिला था, क्योंकि उसने सबसे कम बोली लगाई थी।

केवल तीन बोलियां
इस टेंडर के लिए केवल तीन बोलियां प्राप्त हुई थीं। इनमें सीआरआरसी-पायनियर इलेक्ट्रिक इंडिया जॉइंट वेंचर की बोली भी शामिल थी। यह बीजिंग की कंपनी सीआरआरसी योंगजी इलेक्ट्रिक लिमिटेड और भारत की पायनियर फिल-मेड लिमिटेड का जाइंट वेंचर है। पायनियर फिल-मेड लिमिटेड का प्लांट हरियाणा में है।

रेलवे को निविदाओं का मूल्यांकन करने और अंतिम फैसला लेने में लगभग चार सप्ताह लगे। रेलवे के अधिकारियों ने पहले कहा था कि टेंडर कमेटी बोलियों की वैधता पर फैसला लेगी। इस टेंडर के लिए आवेदन करने से पहले सीआरआरसी-पायनियर इलेक्ट्रिक इंडिया ने रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई किया था। सरकार ने पड़ोसी देशों की कंपनियों के लिए भारत में सरकारी खरीद अनुबंधों में भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया था।

चीनी कंपनी ने पहले भी की थी कोशिश
वन्दे भारत के 44 ट्रेन सेटों को बनाने के लिए पिछले साल भी रेलवे ने टेंडर जारी किया था लेकिन तब चीन की कंपनी ने टेंडर के नियमों के अनुसार अपने को ढालते हुए एक नई कंपनी बना कर टेंडर किया था, जिसके चलते रेलवे ने वो टेंडर ही कैंसल कर दिया था। नए सिरे से निकाले गए टेंडर में चीन ने एक बार फिर एक भारतीय पार्टनर के साथ मिलकर कोशिश की थी लेकिन इस बार फिर रेलवे ने अपने इस मेगा प्रॉजेक्ट से चीन को दूर कर दिया है।

रेलवे खुद बनाएगा डिब्बे
करीब 1800 करोड़ रूपए के वन्दे भारत ट्रेन सेट प्रोजेक्ट में जिस कंपनी को टेंडर मिलेगा वो 44 ट्रेन सेटों को ऐसी स्थिति बना कर आईसीएफ़ को सौंपेगी जिसमें ट्रेन के डिब्बों निचला हिस्सा तो होगा लेकिन ऊपर का ढांचा नहीं होगा। ऊपरी ढांचे को आईसीएफ की देखरेख में रेलवे की तीनों कोच फैक्टरियों में बनाया जाएगा। इस वक्त देश में चल रही पहली दो वन्दे भारत ट्रेन सेटों को आईसीएफ चेन्नई ने ही बनाया था। रेलवे ने फैसला लिया है कि जल्द से जल्द इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए मॉडर्न कोच फैक्टरी राय बरेली, रेल कोच फैक्टरी कपूरथला और इंटिग्रल कोच फैक्टरी चेन्नई में वन्दे भारत सेमी हाई स्पीड ट्रेन के डिब्बे बनाए जाएंगे।

संवाददाता सिराज खान
द अचीवर टाइम्स लखनऊ

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