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सिख धर्म के लोगों को छोड़कर कोई भी बिना इजाजत दाढ़ी-बाल नहीं बढ़ा सकता: डीजीपी

बागपत में सब इंस्पेक्टर की दाढ़ी पर मचे बवाल के बाद डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने नए सिरे से निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि सिख धर्म के लोगों को छोड़कर कोई भी बिना इजाजत दाढ़ी-बाल नहीं बढ़ा सकता।

दरअसल, डीजीपी ने यह सर्कुलर बागपत में एक सब इंस्पेक्टर द्वारा अपनी दाढ़ी कटवाने से इनकार करने पर उठे विवाद के बाद जारी किया है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर जमकर तर्क-वितर्क किए जा रहे थे।

डीजीपी ने सर्कुलर में कहा है कि धार्मिक आधार पर अस्थायी अवधि के लिए दाढ़ी रखने और लंबे बाल रखने की अनुमति कार्यालय के प्रमुख द्वारा दी जा सकती है। स्टाइलिश दाढ़ी-बाल के लिए कोई अनुमति नहीं होगी। पुलिस कर्मी अपनी मूंछ इच्छानुसार रख सकते हैं। लेकिन मूंछें ट्रिम्ड होनी चाहिए और उनका रखरखाव अच्छा होना चाहिए। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि वे गलत वर्दी और दाढ़ी-बाल को लेकर टोकाटाकी जरूर करें जिससे अनुशासन बना रहे।

वर्दी नहीं पहनी तो होगी कार्रवाई
डीजीपी ने सभी पुलिस अफसरों को पत्र लिखकर कहा है कि ऐसी खबरें मिल रही हैं कि कई पुलिस कर्मी ड्यूटी के समय पूरी वर्दी धारण नहीं कर रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी पुलिस कर्मी निर्धारित वर्दी ही पहनेंगे।

वर्दी के पैटर्न शू के अलावा कोई जूता, चप्पल या सैंडिल नहीं पहनेंगे। उन्होंने पुलिस कर्मियों को गलत वर्दी, टोपी, नेम प्लेट, कमीज का बटन खुला रखने और निर्धारित जूता-मोजा नहीं पहनने की प्रथा को खत्म करने के लिए कहा है।

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