भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे आईपीएस अधिकारियों अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार के खिलाफ विजिलेंस ने एफआईआर दर्ज करा दी है। इन दोनों के साथ कुल पांच लोगों को नामजद किया गया है। विजिलेंस ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ अलग-अलग एफआईआर दर्ज की है और इसमें कथित पत्रकार चंदन राय, स्वप्निल राय समेत कुल पांच लोगों को नामजद किया है।
विजिलेंस ने इन दोनों अफसरों पर लगे आरोपों की जांच कर शासन से इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की सिफारिश की थी। शासन की सहमति के बाद एफआईआर दर्ज की गई है। जानकारों का कहना है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद अब दोनों ही अफसरों के निलंबन पर जल्द फैसला संभावित है।
विजिलेंस ने शासन को कुछ दिनों पहले रिपोर्ट भेज कर दोनों अधिकारियों पर लगे अधिकतर आरोपों को सही ठहराया था।
सूत्रों के अनुसार अजय पाल शर्मा पर अपनी पोस्टिंग को लेकर बिचौलियों से संपर्क करने के वायस सैपल और इसी आरोप में हिमांशु कुमार के व्हाट्सएप मैसेज के सही होने की पुष्टि हुई है। विजिलेंस ने आरोप के घेरे में आए अफसरों के साथ ही सौदेबाजी में शामिल अन्य लोगों से भी पूछताछ की। इसके बाद विजिलेंस ने दोनों अफसरों पर लगे आरोपों के सभी बिंदुओं को बारीकी से जांचा।
दोनों अफसरों पर भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की गई थी। गौरतलब है कि नोएडा के एसएसपी रहते हुए वैभव कृष्ण ने पांच आईपीएस अधिकारियों अजय पाल शर्मा, सुधीर कुमार सिंह, राजीव नारायण मिश्रा, गणेश साहा और हिमांशु कुमार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे।
शुरुआती जांच में सुधीर कुमार सिंह, राजीव नारायण और गणेश साहा के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो सके थे। पर अजय पाल और हिमांशु के खिलाफ पर्याप्त सबूत पाए गए थे, जिसके आधार पर विजिलेंस जांच की सिफारिश की गई थी। अजय पाल अभी पुलिस प्रशिक्षण स्कूल उन्नाव और हिमांशु पीएसी इटावा में तैनात हैं।